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Lucknow Murder: लखनऊ में रेलवे ठेकेदार की हत्या में धीरे-धीरे खुल रहे बड़े राज, अब सामने आई चौंकाने वाली बात

Updated Jun 30, 2022 | 13:33 IST

Lucknow Murder: रेलवे ठेकेदार वीरेंद्र ठाकुर की हत्या के मामले में पांचवें दिन पुलिस के हाथ अहम सुराग लगा है। पुलिस को वीरेंद्र ठाकुर के तीनों सुरक्षा गार्डों के मोबाइल मिले हैं। जल्द ही पुलिस इस हत्याकांड का पर्दाफाश करेगी।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
लखनऊ रेलवे ठेकेदार की हत्या के मामले में बड़ा खुलासा
मुख्य बातें
  • लखनऊ में रेलवे ठाकुर की हत्या में धीरे-धीरे खुल रहे कई राज
  • पांचवें दिन पुलिस के हाथ लगा अहम सुराग
  • पुलिस को मिले सुरक्षा गार्डों के मोबाइल

Lucknow Murder Case: लखनऊ में रेलवे ठेकेदार वीरेंद्र ठाकुर की हत्या के मामले में पांचवें दिन पुलिस के हाथ अहम सुराग लगा है। घटना के बाद से ही फरार चल रहे वीरेंद्र के तीनों सुरक्षाकर्मियों के मोबाइल पुलिस के हाथ लगे हैं। पुलिस के अनुसार, तीनों सुरक्षाकर्मियों ने अपने मोबाइल एक गांव में फेंक दिए थे। वहीं इसी गांव के दो युवकों व एक नाबालिग ने तीनों फोन को उठाकर प्रयोग करना शुरू कर दिया था। सर्विलांस की टीम ने तीनों युवकों से पूछताछ की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। उन्होंने पूछताछ में बताया कि यह मोबाइल एक पेड़ के नीचे पड़े थे। अब तक मिले सभी साक्ष्यों के आधार पुलिस जांच में जुटी है।

बताया गया कि लखनऊ पुलिस को बिहार में भी कई अहम सुराग मिले हैं। बिहार में वीरेंद्र ठाकुरों के दुश्मनों की लंबी सूची पुलिस के हाथ लगी है। अब पुलिस ने इन आरोपियों की कुंडली भी खंगालनी शुरू कर दी है।

दो महीने पहले रची गई थी वीरेंद्र ठाकुर की हत्या की साजिश

पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि रेलवे ठेकेदार वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर की हत्या की साजिश दो महीने पहले रची गई थी। शूटर तभी से वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे, लेकिन अब लखनऊ में उसके घर में घुसकर गोलियां बरसा कर हत्या की गई। पुलिस के अनुसार बिहार में भी वीरेंद्र ठाकुर के कई दुश्मन है। बताया गया कि वीरेंद्र भले ही लखनऊ में रहने लगा था लेकिन, बिहार में उसका अभी भी दबदबा माना जाता है। जिसके चलते वीरेंद्र के दुश्मन लगातार बढ़ते जा रहे थे।

वीरेंद्र ठाकुर ने रखे थे निजी सुरक्षा गार्ड

गोरखपुर और लखनऊ में अपने आसपास के इलाके में दबदबा रखने वाले वीरेंद्र ठाकुर ने निजी सुरक्षा गार्ड रखे हुए थे। उसने जनवरी महीने में ही सुरक्षा गार्डों की तैनाती की थी। वहीं जिस दिन वीरेंद्र ठाकुर पर उसके घर हमला हुआ तो उस समय सुरक्षा गार्ड भी घर पर ही मौजूद थे। लेकिन तीनों सुरक्षा गार्डों में से किसी ने भी अपने असलहे का प्रयोग नहीं किया। वहीं वारदात के बाद तीनों सुरक्षाकर्मी भी अपना सामान समेट कर फरार हो गए थे। पुलिस के अनुसार घटना के बाद से ही तीनों सुरक्षा गार्डों के मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लिए गए हैं। तीनों मोबाइलों में नए सिम को डालकर प्रयोग किया गया तो उनकी लोकेशन बीकेटी में मिली।

मोबाइलों तक पहुंची लखनऊ पुलिस

वहीं पुलिस मोबाइलों तक पहुंची तो पता चला कि एक नाबालिग और दो युवक मोबाइलों को चला रहे हैं। उनसे पूछताछ में खुलासा हुआ कि उन्हें तीनों मोबाइल एक पेड़ के नीचे पड़े मिले थे। वहीं इस हत्याकांड का खुलासा करना पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। पुलिस की जांच जारी है लेकिन, अब देखना यह होगा कि वारदात का खुलासा कब तक किया जाएगा।

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