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Lucknow Fraud Case: ठगी करने वाला गिरोह चढ़ा पुलिस के हत्थे, इस तरह झांसा देते थे बेरोजगार युवकों को

Updated Jul 11, 2022 | 17:39 IST

Lucknow Fraud Case: लखनऊ में साइबर सेल पुलिस ने नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। ठग किसी को शक होने पर अपने मोबाइल के सिमकार्ड तोड़ देते थे। वहीं पकड़े ना जाए इसके लिए ठगी के रूपए अपने बैंक अकांउट में जमा करवाने के बजाया अपने पहचान वालों के खातों में करवाते थे।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
बेरोजगारों को ठगने वाला गिरोह गिरफ्ताार
मुख्य बातें
  • आरोपी बेरोजगारों को अच्छी तनख्वाह का लालच देकर नौकरी पर रख लेते थे
  • लोन दिलाने का टास्क देकर ठगी करते थे
  • कंपनी के नाम से फर्जी डोमेन ले रखा था

Lucknow Fraud Case: राजधानी लखनऊ में नौकरी देने के नाम पर ठगी करने के मामले का साइबर अपराध सेल ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने ठगी के अरोप में 3 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। इस मामले को लेकर काकोरी के एसीपी एके सिंह ने बताया कि, आरोपी बेरोजगारी से जूझ रहे युवकों को स्टार फाइनेंसियल सर्विस कंपनी में फर्जी नौकरी देने के नाम पर ठगी कर रहे थे।

एसीपी के मुताबिक, आरोपी बेरोजगारों को अच्छी तनख्वाह का लालच देकर पहले तो नौकरी पर रख लेते थे। इसके बाद उन्हें लोन दिलवाने का टारगेट देकर कागजी खानापूर्ती के नाम पर एडवांस रकम मिलते ही फरार हो जाते थे। एसीपी ने बताया कि, आरोपियों के विरूद्ध पारा निवासी रवि गुप्ता ने मामला दर्ज करवाया था। इसके बाद पारा पुलिस ने साइबर अपराध शाखा की मदद ली व गांव सिरौली के अमित, अंकित व कपिल को गिरफ्तार किया है। 

यूं देते थे ठगी को अंजाम 

पुलिस के मुताबिक, आरोपियों की ठगी का शिकार हुए पीड़ित ने बताया कि, उसने अप्रैल में एक वेबसाइट पर नौकरी की तलाश में अपने बायोडाटा डाला था। उसके बाद स्टार फाइनेंसियल सर्विस कंपनी से बतौर ऑफिस से एक युवक ने उसे कॉल किया। उसका ऑनलाइन इंटरव्यू लिया गया। इसके बाद कंपनी की ओर से उसे क्षेत्रीय प्रबंधक की पोस्ट पर अप्वॉइंट किया गया। जिसका लेटर भी जारी किया गया। पीड़ित ने बताया कि, कंपनी की ओर से उसे 6 लोगों को लोन दिलवाने का टास्क दिया गया। उसने 6 लोगों को लोन लेने के लिए राजी किया। इसके बाद लोन देने की कई शर्तों को पूरा करने के नाम पर ठगों ने 2.49 लाख रूपए अग्रिम राशि की तौर पर जमा करवाए व फरार हो गए। 

शक होने पर तोड़ देते थे सिमकार्ड

पुलिस के मुताबिक, आरोपी ठग किसी को शक होने पर अपने मोबाइल के सिमकार्ड तोड़ देते थे। वहीं पकड़े ना जाए इसके लिए ठगी के रूपए अपने बैंक अकांउट में जमा करवाने के बजाया अपने पहचान वालों के खातों में करवाते थे। पुलिस जांच में सामने आया है कि, आरोपियों ने अपनी कंपनी के नाम पर फर्जी डोमेन लिया हुआ था, जिससे लोगों को ठगी के जाल में फंसाते थे। पुलिस ने बताया कि, आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि, वेबसाइट से वह बेरोजगार लोगों के बायोडाटा को खरीदकर फोन कॉल के जरिए फंसाते थे। 

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