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Lucknow Organ Donation: लखनऊ के इस शख्स ने दुनिया छोड़ कर भी तीन को दी नई जिंदगी, परिवार ने करवाया मृतक का अंगदान

Updated Jun 22, 2022 | 17:40 IST

Lucknow Organ Donation News: लखनऊ में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसके बारे में पूरे शहर में चर्चा की जा रही है। ब्रेन डेड होने के बाद भी मनोज कुमार तीन लोगों को नई जिंदगी दे गए।

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तस्वीर साभार:&nbspFacebook
लखनऊ में ब्रेन डेड के बाद किडनी और लीवर का हुआ प्रत्यारोपण
मुख्य बातें
  • लखनऊ में हुआ एक ऐसा मामला, पूरे शहर में हो रही चर्चा
  • खुद दुनिया छोड़ गए मनोज, पर तीन लोगों को दे गए नई जिंदगी
  • दोनों किडनी और लीवर का प्रत्यारोपण सफल रहा

Lucknow Organ Donation News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक ऐसा मामला सामने आया है। जिसके बारे में जानकर हर कोई दुख जताने के बाद प्रशंसा भी कर रहा है। जी हां, मनोज कुमार खुद की दुनिया तो छोड़ गए लेकिन तीन लोगों को नई जिंदगी दे गए। बताया गया कि 50 वर्षीय मनोज कुमार अपोलो मेडिक्स अस्पताल में ब्रेन डेड के शिकार हो गए। इसके बाद उनके परिजनों ने अंगदान करने का फैसला लिया। उनकी एक किडनी पीजीआई में दी गई। दूसरे किडनी अपोलो मेडिक्स को दी गई है। इसके अलावा लीवर को किंग जॉर्ज मेडिकल विवि में प्रत्यारोपण के लिए दिया गया है। 

बता दें कि संजय गांधी पीजीआई में प्रत्यारोपण पूरी तरह सफल रहा है। वहीं गुर्दा रोग विशेषज्ञ एवं नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर नारायण प्रसाद ने बताया कि सोमवार रात को अपोलो मेडिक्स से एक किडनी मिलने की जानकारी मिली। उन्होंने बताया कि उसी समय डोनर के मैचिंग वाले मरीजों को बुलाया गया। 

पहले किया गया क्रॉस मैचिंग परीक्षण

नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर नारायण प्रसाद के अनुसार, पहले क्रॉस मैचिंग परीक्षण किया गया। इसके बाद मुनेश्वर दयाल (53) को लाया गया। इन्हें 2018 से किडनी खराब होने से परेशानी थी। डॉक्टर के अनुसार प्रत्यारोपण के लिए मुनेश्वर दलाल को उपयुक्त पाया गया। यूरोलॉजिस्ट यूपी सिंह और डॉक्टर संचित की टीम ने प्रत्यारोपण किया। जो पूरी तरह सफल रहा। उधर, लीवर का प्रत्यारोपण भी किंग जॉर्ज मेडिकल विवि में सफल रहा। यह मामला लखनऊ शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।

मनोज कुमार ऐसे हुए ब्रेन डेड का शिकार

गोरखपुर निवासी मनोज कुमार कुछ दिन पहले सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। कुछ दिनों तक गोरखपुर में ही इनका इलाज चला। यहां इनकी सर्जरी भी हुई लेकिन कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद परिजनों ने इन्हें 20 जून को अपोलो मेडिक्स में भर्ती कर दिया। यहां लाने पर इन्हें ब्रेन डेड हो गया। इस पर परिजनों ने अंगदान करने का फैसला लिया तो तीन लोगों को नई जिंदगी मिल गई। इसके बाद डॉक्टरों की टीम ने मैचिंग के लिए पांच मरीजों को बुलाया। इनमें मुनेश्वर दयाल की मैचिंग हो पाई। किडनी और लीवर का प्रत्यारोपण भी सफल रहा।

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