नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश का पहला डिटेन्शन सेंटर गाजियाबाद में बनाया गया है। हाल ही में प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने ये स्पष्ट किया था कि जो भी विदेशी शख्स गलत तरीके से प्रदेश की सीमा में रहते हुए पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्हें डिटेंशन सेंटर में भेजा जाएगा।
अब सीएम योगी के इस फैसले पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने आपत्ति जताई है। उन्होंने ट्वीट करते हुए सरकार के इस कदम को दलित विरोधी कार्यशैली का एक प्रमाण बताया है। उन्होंने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है।
उन्होंने ट्वीट में लिखा- गाजियाबाद में बीएसपी सरकार द्वारा निर्मित बहुमंजिला डा. अम्बेडकर एससी/एसटी छात्र हास्टल को ’अवैध विदेशियों’ के लिए यूपी के पहले डिटेन्शन सेन्टर के रूप में कनवर्ट करना अति-दुःखद व अति-निन्दनीय। यह सरकार की दलित-विरोधी कार्यशैली का एक और प्रमाण। सरकार इसे वापस ले बीएसपी की यह माँग।
आपको बता दें कि गाजियाबाद के नंदग्राम में ये डिटेंशन सेंटर बनाने का काम चल रहा है। इस डिटेंशन केंद्र में पिछले एक साल से इसमें काम चल रहा था। बताया जा रहा है कि अक्टूबर में इसका उद्घाटन हो सकता है। इमारत की रंगाई-पुताई व मरम्मत का कार्य पूरा हो गया है। इस डिटेंशन सेंटर में तीन बड़े हॉल हैं जिसमें कम से कम 100 विदेशियों को रखा जा सकता है। सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई है।
बता दें कि नंदग्राम में दलित छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग दो आंबेडकर छात्रावास बनाए गए थे। पिछले कई वर्ष से छात्राओं के लिए बना छात्रावास बंद है।छात्राओं वाले छात्रावास को डिटेंशन सेंटर बनाने के लिए केंद्र सरकार से बजट जारी हुआ था।