लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे की सत्ता संभालने के बाद भ्रष्टाचार और अपराध को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि अपराधी या तो जेल में होंगे या प्रदेश के बाहर। जिसका परिणाम यह हुआ कि यूपी पुलिस माफिया और कुख्यात अपराधियों पर कहर बनकर टूट पड़ी है। पुलिस ने सिर्फ मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद ही नहीं, बल्कि प्रदेश के ऐसे 25 बड़े माफिया को चिह्नित किया, जिनके नाम से लोगों में दहशत हो जाती थी और उनका ‘सिक्का’ हर सरकार में चलता था। पुलिस ने उनके गैंग के अन्य अपराधियों और सहयोगियों के खिलाफ भी कार्यवाही शुरू की। आज बड़े-बड़े माफिया और अपराधी यूपी आने से डरते हैं और जो हैं वह या तो जेल में हैं या प्रदेश के बाहर हैं।
माफिया से ही वसूला जा रहा हर्जाना
योगी सरकार में गैंगेस्टर अधिनियम के तहत 25 से ज्यादा माफिया की आपराधिक कृत्य से अर्जित की गई आठ अरब 95 करोड़ 41 लाख रुपए से अधिक की चल-अचल अवैध सम्पत्तियों पर शिकंजा कसते हुए सरकारी भूमि मुक्त कराने, अवैध कब्जे के ध्वस्तीकरण और जब्तीकरण की कार्यवाही की गई। खास बात यह है कि अवैध संपत्तियों को ढहाने और कब्जा मुक्त कराने में जो खर्च आ रहा है, वह भी अपराधियों और माफिया से वसूला जा रहा है। इनमें चिह्नित माफिया और उनके सहयोगियों की आपराधिक कार्य से जुटाई गई सम्पत्तियों में से गैंगेस्टर अधिनियम के तहत करीब 446 करोड़ रुपए से अधिक है। इतना ही नहीं, माफिया, उनके परिजनों और सहयोगियों के लगभग 150 शस्त्र लाईसेंसों के निरस्तीकरण की कार्यवाही की गई है। गैंगेस्टर एक्ट में ही अब तक कुल 11,930 मुकदमे दर्ज कर 3699 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। इसके अलावा 523 अभियुक्तों के खिलाफ रासुका लगाई गई है।
ये 25 माफिया हैं रडार पर
गाजीपुर जिले के युसूफपुर मोहम्दाबाद निवासी मुख्तार अंसारी, प्रयागराज जिले के खुल्दाबाद थाना क्षेत्र निवासी अतीक अहमद, वाराणसी जिले के चौबेपुर निवासी बृजेश कुमार सिंह उर्फ अरुण कुमार सिंह, लखनऊ जिले के हसनगंज निवासी ओमप्रकाश उर्फ बब्लू श्रीवास्तव, बिजनौर जिले के स्योहारा थाना क्षेत्र निवासी मुनीर, अंबेडकरनगर जिले के हंसवार थानाक्षेत्र निवासी खान मुबारक, गाजियाबाद जिले के लोनी निवासी अमित कसाना, शामली जिले के आदर्श मंडी निवासी आकाश जाट, मेरठ जिले के सरूरपुर निवासी उधम सिंह, मेरठ जिले के सरूरपुर निवासी योगेश भदौड़ा, बागपत जिले के बड़ौत निवासी अजीत उर्फ हप्पू, मुजफ्फरनगर जिले के रतनपुर निवासी सुशील उर्फ मूंछ, मुजफ्फरनगर जिले के कोतवाली निवासी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा, गौतमबुद्धनगर जिले के कासना निवासी सुन्दर भाटी उर्फ नेताजी, गौतमबुद्धनगर जिले के कासना निवासी अनिल भाटी, गौतमबुद्धनगर जिले के बादलपुर निवासी अनिल दुजाना उर्फ अनिल नागर, गौतमबुद्धनगर जिले के दनकौर निवासी सिंघराज भाटी, गौतमबुद्धनगर जिले के जारचा निवासी अंकित गुर्जर, वाराणसी जिले के कोतवाली निवासी सुभाष सिंह ठाकुर, आजमगढ़ जिले के जीयनपुर निवासी ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू सिंह, गाजीपुर जिले के मुहम्मदाबाद उमेश राय उर्फ गौरा राय, गाजीपुर जिले के सैदपुर निवासी त्रिभुवन सिंह उर्फ पवन कुमार, लखनऊ जिले के कैंट निवासी मो. सलीम, लखनऊ जिले के कैंट निवासी मो. सोहराब और लखनऊ जिले के कैंट निवासी मो. रुस्तम हैं।
सिर्फ कार्यवाही नहीं, सजा भी करा रही सरकार
पुलिस चिह्नित माफिया के खिलाफ दर्ज मुकदमो में तेजी से न सिर्फ कार्यवाही कर रही है, बल्कि सरकार की ओर से तगड़ी पैरवी भी की जा रही है, ताकि उन्हें जल्द से जल्द सजा दिलाई जा सके। इसी कड़ी में कोर्ट ने माफिया आकाश जाट को दो मुकदमो में अलग-अलग तीन और सात साल की सजा सुनाई है। जबकि उसके गैंग के सहयोगी अमित भूरा को भी दोनों मुकदमो में तीन साल और एक साल की सजा दी गई है। चिह्नित सभी बड़े माफिया इस समय जेल में बंद हैं।