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KGMU Lucknow: केजीएमयू में नया फरमान, अब वीआईपी मेहमानों को बुलाने से पहले लेनी होगी कुलपति की अनुमति

Updated Jun 10, 2022 | 19:28 IST

KGMU Lucknow: केजीएमयू में नया फरमान जारी हुआ है। अब माननीय और वीआईपी मेहमानों को बुलाने से पहले कुलपति की परमिशन लेनी होगी, केजीएमयू में विभाग और व्यक्तियों की ओर से सीधे आमंत्रण पर रोक लगा दी गई है।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
केजीएमयू
मुख्य बातें
  • केजीएमयू में नया फरमान, वीआईपी मेहमानों को बुलाने से पहले लेनी होगी परमिशन
  • केजीएमयू में विभाग और व्यक्तियों की ओर से सीधे आमंत्रण पर लगी रोक
  • आदेश का पालन नहीं करने वाले पर कार्रवाई की चेतावनी

King George Medical University: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में अब किसी भी विभागाध्यक्ष, शिक्षक या कर्मचारी परिषद के पदाधिकारी को किसी माननीय या वीआईपी को आमंत्रित करने से पहले कुलपति से लिखित अनुमति लेनी होगी। आमंत्रण भी कुलपति की ओर से ही भेजना होगा। इसका पालन न करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। कुलपति की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि केजीएमयू में शैक्षणिक और अन्य कार्यक्रम भी होते हैं। इनमें राज्यपाल, जज, आईएएस व अन्य विशिष्ट हस्तियों को आमंत्रित किया जाता है। 

कई बार इसकी सूचना भी कुलपति को नहीं दी जाती है, इसलिए अब किसी भी विशिष्ट व्यक्ति को बुलाने से पहले कुलपति की अनुमति तथा कुलपति कार्यालय के माध्यम से आमंत्रण पत्र भेजा जाएगा। कुलपति की ओर से सीएमएस, एमएस, प्रॉक्टर, चीफ प्रोवोस्ट, परीक्षा नियंत्रक, कुलसचिव, वित्त नियंत्रक और विभिन्न को भी इसकी सूचना भेजी गई है।

बढ़ने लगे कोविड के मरीज, फिर से निगेटिव रिपोर्ट जरूरी

वहीं, राजधानी लखनऊ में एक बार फिर से कोविड संक्रमण रफ्तार पकड़ने लगा है, ऐसे में केजीएमयू और लोहिया संस्थान में भर्ती होने वाले मरीजों को कोविड-19 की निगेटिव रिपोर्ट फिर से जरूरी की जा रही है। बगैर रिपोर्ट के किसी मरीज को भर्ती नहीं किया जाएगा। हालांकि यह सख्ती अभी लक्षण वालों और ओपीडी से भर्ती होने वाले मरीजों के लिए ही है। 

ओपीडी में भर्ती होने वाले मरीजों के लिए भी यह व्यवस्था पूरी तरह से लागू 

गौरतलब है कि दोनों ही संस्थानों में मरीजों की भर्ती इमरजेंसी और ओपीडी से होती है। केजीएमयू और लोहिया संस्थान में इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को तुरंत भर्ती कर लिया जाता है। जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण होते हैं, पहले उन्हें भर्ती किया जाता है फिर संक्रमण की जांच की जाती है। लेकिन अब ओपीडी से भर्ती होने वाले मरीजों के लिए यह व्यवस्था पूरी तरह से लागू कर दी गई है। इसके अलावा ऑपरेशन के लिए भर्ती होने वाले मरीजों पर यही नियम लागू किया जाएगा। 
 

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