- नगर निगम को मिला 1,85,000 लोगों का ब्योरा
- लखनऊ में दो लाख भवन मालिकों से ब्याज समेत वसूला जाएगा बढ़ा गृहकर
- जीआईएस सर्वे से हुआ पर्दाफाश
Luckow House Tax: राजधानी लखनऊ में गृहकर बचाने के लिए नई तरकीब अपनाने वाले मकान मालिकों को बड़ा झटका लगा है। मकान छोटा दिखाने वाले मकान मालिकों को अब मोटा टैक्स चुकाना पड़ेगा। ऐसे लोगों को भवन कर निर्धारण साल से अब तक टैक्स ब्याज समेत देना पड़ेगा। लखनऊ नगर निगम को ऐसे 1,85,000 मकान मालिकों का ब्योरा मिल गया है। ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) सर्वे में बड़े मकानों को छोटा दिखाकर कम गृहकर देने वालों का पता चला है। अब इन लोगों को नोटिस भेजे गए हैं।
जीआईएस सर्वे में खुलासा हुआ है कि लखनऊ में हजारों लोगों ने कम गृहकर जमा करने के लिए मकान छोटा दिखा दिया। यही वजह है कि ऐसे मकानों का गृहकर भी कम रहा।
ब्याज समेत पूरा गृहकर चुकाना होगा
यह भी खुलासा हुआ है कि कई मामलों में नगर निगम के कर्मचारियों ने टैक्स कम करने में लोगों की मदद की। लेकिन जीआईएस सर्वे ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया। करीब 1.85 लाख लोगों का नगर निगम को ब्योरा मिल चुका है, इन्होंने क्षेत्रफल या तल कम दिखाया है। इन लोगों ने तीन-तीन मंजिल के घर को मात्र एक मंजिल का दिखाया है। 2200 वर्गफुट का घर 1000 वर्गफुट का दिखाया है। ऐसे सभी लोगों को ब्याज समेत पूरा गृहकर चुकाना पड़ेगा। जिस तारीख में टैक्स निर्धारण हुआ है, उस तारीख से कर बनेगा। हालांकि ऐसे लोगों को ये राहत मिलेगी कि उन्होंने पहले जो टैक्स जमा किया है, उसे घटाने के बाद टैक्स की वसूली होगी।
दो मंजिला मकान एक मंजिल दिखाने पर देना होगा दोगुना टैक्स
राजधानी के इस्माइलगंज इलाके में एक मकान मालिक ने 1000 वर्ग फुट में दो मंजिल का मकान बना रखा है। लेकिन घर स्वामी ने स्वकर निर्धारण मूल्यांकन में अपना मकान एक मंजिल का दिखा रखा है। ऐसे में इस मकान का हाउस टैक्स अभी 907 रुपये सालाना है। लेकिन मकान दो मंजिल का होने पर कर 1814 रुपये प्रतिवर्ष हो जाएगा। ऐसे में अब मकान मालिक को 2010 से 2022 तक 12 वर्षों के अंतर का टैक्स चुकाना होगा। 907 रुपये सालाना के हिसाब से इन्हें 11000 गृहकर और जमा करना होगा। इसके अलावा ब्याज अलग से देना होगा।