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Lucknow Dog Registration: लखनऊ नगर निगम में पेट डॉग मालिकों की लगी भीड़, जुर्माने के डर से बढ़ा रजिस्ट्रेशन

Updated Jul 17, 2022 | 20:07 IST

Lucknow Dog Registration: लखनऊ नगर निगम में अपने पेट डॉग्स का रजिस्ट्रेशन करवाने वालों की भीड़ बढ़ गई है। निगम के अधिकारियों के मुताबिक इन दिनों 2 सौ से भी अधिक लोगों ने अपने पेट डॉग्स का रजिस्ट्रेशन करवाया है। इसके बाद राजधानी में रजिस्टर्ड डॉमेस्टिक पेट डॉग्स का आंकड़ा 5 हजार के पार हो गया है।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
लखनऊ नगर निगम में पेट डॉग्स का रजिस्ट्रेशन करवाने की मची होड़
मुख्य बातें
  • नगर निगम में पालतू पशुओं के मालिकों की बढ़ी भीड़
  • पेट एनिमल्स के रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा पहुंचा 5 हजार के पार
  • अब तक निगम को मिला 17 लाख का रेवेन्यू

Lucknow Dog Registration: राजधानी लखनऊ में 80 वर्षीय वृद्धा की पेट डॉग पिटबुल के हमले के चलते हुई मौत के बाद लोगों को डर सताने लगा है कि अगर उनके पेट डॉग ने किसी पर हमला कर दिया तो  5 हजार जुर्माना देने सहित जेल की हवा खानी पड़ सकती है। इसके बाद लखनऊ नगर निगम में अपने पेट डॉग्स का रजिस्ट्रेशन करवाने वालों की भीड़ बढ़ गई है।

निगम के अधिकारियों के मुताबिक इन दिनों 2 सौ से भी अधिक लोगों ने अपने पेट डॉग्स का रजिस्ट्रेशन करवाया है। इसके बाद राजधानी में रजिस्टर्ड डॉमेस्टिक पेट डॉग्स का आंकड़ा 5 हजार के ऊपर हो गया है।

खानी पड़ सकती है जेल की हवा

आपको बता दें कि, अगर किसी का डोमेस्टिक पेट डॉग या केट किसी पर हमला कर उसे नुकसान पहुंचाते हैं तो नगर निगम के नियमों के मुताबिक डॉमेस्टिक पेट एनिमल के ऑनर पर 5 हजार का जुर्माना व उसके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज किए जाने का नियम है। नगर निगम के मुताबिक शहर में पेट डॉग अटैक की हुई घटना के चलते यहां के सहमे वाशिदों ने अपने पेट एनिमल्स के रजिस्ट्रेशन करवाने लगे हैं। पेट एनिमल्स कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि, राजधानी में हर वर्ष कई नस्लों के करीब 2 हजार डॉग्स की बिक्री होती है। मगर लोग अपने पेट एनिमल्स का म्यूनिशिपल कॉर्पोरेशन में पंजीकरण नहीं करवाते। वहीं सूत्र बताते हैं कि मौजूदा समय में राजधानी के करीब 30 हजार घरों में पेट एनिमल्स हैं। 

ये है रजिस्ट्रेशन शुल्क

नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक वर्तमान में डॉग्स के आकार के मुताबिक पंजीकरण व अनुज्ञा पत्र की फीस है। जिसमें 2 सौ से 5 सौ रूपए तक है। अधिकारियों के मुताबिक अब तक करीब 17 लाख की फीस का रेवेन्यू निगम को मिला है। अधिकारी बताते हैं कि शहर में डॉग्स पालने का रिवाज तेजी से बढ़ा है। डॉग्स पालने के नाम पर कई लोग घरों में ब्रिडिंग केंद्र भी चला रहे हैं। कागजी घोड़ों में दौड़ रहा ये कारोबार सरकारी आमदनी को चूना लगा रहा है। 

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