- लखनऊ एमपीजीआई में ठगी का मामला
- एचआरएफ के कर्मचारियों ने की थी ठगी
- एक युवक से नौकरी लगवाने के नाम पर लिए थे एक लाख, 30 हजार रुपये
Lucknow Fraud Job Case: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एमपीजीआई में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। मामले का खुलासा होने पर तीनों संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। बताया गया कि एचआरएफ में कार्यरत इन तीनों कर्मचारियों ने एक युवक से एक लाख, तीस हजार रुपये लिए। वहीं 10 दिन के भीतर उन्होंने युवक की नौकरी भी लगवा दी, वहीं जब स्टाफ को शक हुआ तो मामले की जांच शुरू कर दी गई। अब जांच में रिश्वत लेने का खुलासा हुआ है।
बताया गया कि हॉस्पिटल रिवाल्विंग फंड (एचआरएफ) के कर्मचारियों ने जतिन नाम के युवक से एक लाख, तीस हजार रुपये लेकर पेसेंट सहायक के पद पर रख लिया। इस दौरान युवक सर्जिकल स्टोर से सामान विभिन्न स्थानों पर पहुंचाने लगा। इसी बीच एक कर्मचारी को उस पर शक हुआ। इसके बाद उस युवक से पूछताछ की गई तो मामले का खुलासा हो गया।
एचआरएफ की टीम ने की जांच
एचआरएफ प्रभारी अभय मेहरोत्रा, सहायक प्रभारी एसके श्रीवास्तव और दीपक सिंह की टीम ने इस मामले की जांच की। टीम की जांच में खुलासा हुआ एचआरएफ में कार्यरत संविदा कर्मचारियों रजनीश, देवेश और हिमांशु ने जतिन नाम के युवक से नौकरी लगवाने के नाम पर एक लाख, तीस हजार रुपये लिए थे। वहीं कर्मचारियों द्वारा सच कबूल करने पर उन्हें एचआरएफ से बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं इससे पहले भी एमपीजीआई में लाखों रुपये की दवा घोटाले का मामला सामने आया था।
एचआरएफ के अधिकारी बोले...
हॉस्पिटल रिवाल्विंग फंड (एचआरएफ) प्रभारी अभय मेहरोत्रा का कहना है कि ठगी के मामले में तीनों कर्मचारियों को एचआरएफ से बर्खास्त कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले की जानकारी संस्थान निदेशक प्रोफेसर आरके धीमान को दे दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि आउटसोर्सिंग के तहत होने वाली तैनाती में भी पूरी प्रक्रिया की जाती है।