- सीबीएसई के बाद अन्य राज्य भी 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द कर रहे हैं
- कोरोना संकट को देखते हुए सीबीएसई ने इस साल 12वीं की परीक्षा रद्द की है
- 12वीं बोर्ड की परीक्षा पहले ही रद्द कर चुके हैं राज्य, आंकलन मानदंड पर विचार
लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अपने यहां 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द कर दी है। सीबीएसई बोर्ड द्वारा 12वीं की परीक्षा रद्द किए जाने के बाद से राज्य अपने यहां इंटरमीडिएट की परीक्षा रद्द कर रहे हैं। अब तक राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा और उत्तराखंड में 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं रद्द हो चुकी हैं। आने वाले दिनों में दूसरे राज्य भी इंटरमीडिएट की परीक्षा रदद् करने के बारे में फैसला कर सकते हैं। देश में कोरोना संकट को देखते हुए सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड ने इस साल अपनी 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द की है। सीबीएसई बोर्ड के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश में भी छात्रा 12वीं की परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे थे। राज्य सरकार 10वीं बोर्ड की परीक्षा पहले ही रद्द कर चुकी है।
सीएम योगी ने किया ट्वीट
बोर्ड की परीक्षा रद्द होने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि छात्रों का स्वास्थ्य उनकी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। अपने एक ट्वीट में सीएम ने कहा, 'कोविड महामारी की वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा हमारी शीर्ष प्राथमिकता है। आदरणीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से @UPGovt ने निर्णय लिया है कि वर्तमान शैक्षिक सत्र में माध्यमिक शिक्षा परिषद की 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा का आयोजन नहीं किया जाएगा।'
स्वतंत्र देव सिंह ने सरकार का आभार जताया
उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने परीक्षा रद्द करने के योगी सरकार के फैसले की सराहना की है। उन्होंने कहा कि 12वीं की परीक्षा रद्द करने के लिए वह मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का आभार जताते हैं।
आंकलन मानदंड पर हो रहा विचार
इस बीच सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा है कि कक्षा 12वीं के लिए आंकलन मानदंड पर विचार किया जा रहा है। इसमें करीब दो सप्ताह का वक्त लगेगा। विशेषज्ञ सभी संभावनाओं पर विचार करेंगे और उसके बाद एक फैसला होगा।