नई दिल्ली : पत्नी की आत्महत्या के दो महीनों के भीतर ही 38 वर्षीय पति ने खुद को आग लगाकर अपनी जान ले ली। उसके ससुराल वालों ने उस पर आरोप लगाया था कि उनकी बेटी की मौत का जिम्मेदार वही है। इसके लिए उसे प्रताड़ित किया जा रहा था। बताया जाता है कि इसी बात से तंग आकर उसने शुक्रवार को अपने घर पर खुद को आग लगाकर अपनी जान ले ली।
शख्स की पहचान अभिषेक भारद्वाज के रुप में हुई है वह रजनी कांड स्थित एक किराए के मकान में अकेला रहता था। उसने ज्वलनशील लिक्विड की मदद से खुद को अपने कमरे में ही आग लगा ली। कमरे में आग ग गई जिसके बाद फ्रिज के कंप्रेसर में भी ब्लास्ट हो गया।
इस ब्लास्ट के बाद इलाके में लोग दहशत में आ गए। पड़ोसियों ने पुलिस को फोन कर इसकी सूचना दे दी। फौरन दमकल की गाड़ियों के साथ पुलिस मौके पर पहुंची जिसके बाद आग पर काबू पाया गया। मौके पर से जला हुआ एक शव भी बरामद हुआ। जिसकी पहचान बाद में अभिषेक के माता-पिता ने की।
आशियाना एसएचओ संजय राय ने बताया कि अभिषेक एक प्रॉपर्टी डीलर था और अपनी पत्नी दीक्षा (35) के साथ रहता था। उनकी शादी 2009 में माता-पिता की मर्जी के विरुद्ध हुई थी। इनके दो बच्चे हैं। कुछ महीनों पहले नौकरी चले जाने से अभिषेक काफी परेशान था इसके कारण पति-पत्नी के बीच काफी बहस भी हुआ करता था।
इसी झगड़े के कारण दीक्षा अपने बच्चों को लेकर मायके रहने चली गई थी उसके बाद से अभिषेक इस मकान में अकेला रह रहा था। इस घर में चार कमरे थे उसने डाइनिंग रुम में खुद को आग लगाई। ड्राइंग रुम से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ जिसमें दीक्षा की फोटो भी साथ में थी। उसने सुसाइड में लिखा कि उसके ससुराल वालों के द्वारा अक्सर उसे दीक्षा की मौत का जिम्मेदार बताया जा रहा था, इसी कारण से उसने ऐसा कदम उठाने का फैसला किया। अभिषेक के पेरेंट्स ने उसकी हैंडराइटिंग पहचान ली थी।