- यूपी पंचायत चुनावों के नतीजे घोषित, सभी पार्टियों के दिग्गजों के सगे संबंधियों की हुई हार
- 2021 पंचायत चुनाव में निर्दलीय सभी दलों पर पड़े भारी
- अयोध्या, वाराणसी और मथुरा में बीजेपी को जबरदस्त झटका
यूपी पंचायत चुनावों के नतीजे आ चुके हैं और अब नतीजों की चीरफाड़ शुरू हो गई है। जिला पंचायत वार्ड सदस्य में निर्दलीय सभी दलों पर भारी पड़े हैं तो सभी दलों के दिग्गज नेताओं के सगे संबंधियों को हार का सामना करना पड़ा है। इन सबके बीच मथुरा, अयोध्या और वाराणसी में बीजेपी का प्रदर्शन कैसा रहा है उसके बारे में बताएंगे। क्या बीजेपी अपने इन गढ़ में बेहतर प्रदर्शन कर पाई या नतीजे उसके लिए संकेत है कि आगे की राह कांटों भरी हो सकती है।
निर्दलीय सब पर भारी, मथुरा, वाराणसी और अयोध्या में बीजेपी की पराजय
यूपी पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्यों के ताजे आंकड़े में निर्दलीय सभी दलों पर भारी हैं। लेकिन अगर राजनीतिक दलों द्वारा समर्थित उम्मीदवारों की बात करें तो अब तक 3050 में से 2761 वार्ड के नतीजे घोषित किए जा चुके हैं इसमें बीजेपी सबसे आगे हैं।
अयोध्या में एसपी की बल्ले बल्ले
अयोध्या की बात करें तो तो जिला पंचायत सदस्य की 40 सीटों में 24 पर समाजवादी पार्टी, 6 पर बीजेपी और 12 सीटों पर निर्दलीय जीते हैं।
मथुरा में बीएसपी ने मारी बाजी
मथुरा में बीएसपी का दबदबा रहा। बीएसपी 12, आरएलडी 9, बीजेपी 8 और एसपी 1 सीट जीत पाने में कामयाब हुई।
वाराणसी में एसपी रही आगे
40 सीटों में बीजेपी को 8 सीटें, एसपी 14 और बीएसपी ने 5 सीटों पर जीत हासिल की है। अपना दल (एस) को 3 सीट मिली हैं। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी और ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को 1-1 सीट मिली है।
तीसरे इंजिन की सरकार बनते बनते रह गई
आंकड़ों से साफ है कि बीजेपी की दूसरे राजनीतिक दलों से आगे है। लेकिन सीट संख्या का अंतर इतना अधिक नहीं है कि उसे खुश होने का मौका मिले। अखिलेश यादव कह चुके हैं कि बीजेपी का गावों में तीसरी इंजिन वाली सरकार बनाने का सपना अब सपना हो चुका है। इससे भी बड़ी बात यह है कि अयोध्या, वाराणसी और मथुरा में पार्टी का खराब प्रदर्शन परेशानी की वजह बन सकती है।
बैलट पेपर के जरिए कराया गया था चुनाव
मतपत्रों के जरिये हुए इन चुनावों को कराया गया था और रविवार से काउंटिंग शुरू हुई थी। राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक राज्य के सभी 75 जिलों में जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम पंचायत प्रधान और ग्राम पंचायत सदस्य के पदों के लिए एक साथ ही मतगणना शुरू कराई गई थी।