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UP: 6 महीने में 10 हजार पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती, स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने का CM योगी ने दिए निर्देश

Updated Apr 20, 2022 | 10:17 IST

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश की कमान दूसरी बार संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने विकास के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। सभी विभाग मुख्यमंत्री के सामने अपनी कार्य योजना पेश कर रहे हैं।

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यूपी में बढ़ेंगी स्वास्थ्य सुविधाएं।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की कमान दूसरी बार संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने विकास के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। सभी विभाग मुख्यमंत्री के सामने अपनी कार्य योजना पेश कर रहे हैं। विभागों की कार्ययोजना प्रस्तुतिकरण पर मुख्यमंत्री की ओर से उन्हें दिशा-निर्देश भी प्राप्त हुए हैं। मंत्रिमंडल के समक्ष चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेक्टर के विभागों ने अपनी कार्ययोजना प्रस्तुति की जिस पर सीएम योगी की तरफ से दिशा-निर्देश दिए गए जो इस प्रकार हैं- 

  • विगत 5 वर्ष में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में अभूतपूर्व कार्य हुआ है। इंसेफेलाइटिस उन्मूलन का प्रयास हो अथवा कोविड प्रबंधन प्रदेश को वैश्विक संस्थाओं से सराहना मिली है। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में अच्छा कार्य हुआ है। हमारी आबादी अधिक है किंतु स्वास्थ्य सेवाओं की सहज उपलब्धता और बेहतरीन प्रबंधन ने स्वास्थ्य क्षेत्र में लोगों में एक विश्वास जताया है। एक टीम के रूप में यह प्रयास सतत जारी रखा जाए।
  • नियोजित प्रयासों से एनएचआरएम/एनएचएम जैसे स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों को भ्रष्टाचार मुक्त बनाया गया है। दवाओं की खरीद को पारदर्शी बनाया गया है। यह शुचिता बनी रहे। भ्रष्टाचार की हर एक शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कठोरतम कार्रवाई की जाए।
  • मुख्यमंत्री आरोग्य मेलों ने ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य व चिकित्सा सेवाओं की सहज उपलब्धता सुनिश्चित कराने में सफलता पाई है। मंत्रीगण/जनप्रतिनिधि गण अपने क्षेत्रों में इन मेलों में प्रतिभाग करें। व्यवस्था का निरीक्षण करें, आम जन से बेहतरी के लिए सुझाव प्राप्त करें।
  • चिकित्सा सेवाओं के सुचारू संचालन के लिए डॉक्टरों और नर्सों की पर्याप्त तैनाती होनी चाहिए। डॉक्टर-नर्स का अनुपात 1:1 हो। आवश्यकतानुसार पद सृजन कर योग्य प्रोफेशनल का चयन किया जाए।
  • सभी विधानसभा क्षेत्रों में 100 शैय्या के चिकित्सालय की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर चरणबद्ध रूप से इसे क्रियान्वित किया जाए।
  • विगत 05 वर्षों में 5000 स्वास्थ्य उपकेंद्रों की स्थापना का कार्य हुआ है। अब हमारा लक्ष्य हो कि आगामी 05 वर्ष में 10,000 नए उपकेंद्रों की स्थापना हो।
  • आगामी 100 दिनों के भीतर राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को कैशलेस चिकित्सा सुविधा से लाभांवित किया जाए।
  • हर जनपद में मुफ्त डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। डायलिसिस, सिटी स्कैन, न्यू बॉर्न स्टेबिलाइजेशन यूनिट, स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट की संख्या में बढ़ोतरी की जरूरत है। अगले दो वर्ष में सभी जनपदों तक इन सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए।
  • डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, जीका वायरस, जापानी इंसेफेलाइटिस, एईएस और कालाजार जैसी जलजनित बीमारियों के लिए "मिशन जीरो" की शुरुआत की जाए।
  • 108 एम्बुलेंस सेवा को और व्यवस्थित करने की जरूरत है। एम्बुलेंस के रिस्पॉन्स टाइम को और कम किया जाए। एम्बुलेंस सेवा के संचालन को और विकेंद्रीकरण करने पर विचार किया जाए।
  • अगले 100 दिनों में कम से कम 800 नई एम्बुलेस अपने बेड़े में बढ़ाएं। एएलएस की संख्या को 01 वर्ष में 250 से बढ़ाकर 375 और फिर आगे 500 तक करने के प्रयास हों।
  • मानसिक रोगियों के सहायतार्थ निजी स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लें। आगरा, बरेली, वाराणसी के मानसिक चिकित्सालयों में उन्मुखीकरण केंद्र खोला जाना चाहिए, ताकि आमजन को मानसिक रोग के संबंध में सही-सटीक जानकारी दी जा सके।
  • सभी चिकित्सालय/स्वास्थ्य केंद्र में दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे। आवश्यक मानी जाने वाली करीब 300 दवाओं की कमी न हो। इसकी सतत मॉनिटरिंग भी की जाए।
  • प्रत्येक जनपद में जिला मुख्यालय के अतिरिक्त एक ओर फर्स्ट रेफरल यूनिट (जैसे सीएचसी, 100 बेडेड आदि) स्थापित कराई जाए। हर जिले में ड्रग हाउस की व्यवस्था हो।
  • पैरामेडिकल स्टाफ स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ हैं। कोविड काल में हम सभी ने पैरामेडिक्स के महत्व को बहुत करीब से देखा समझा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा अगले छह माह में प्रदेश में 10,000 पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की कार्यवाही की जाए। नियुक्ति प्रक्रिया उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से पूर्ण शुचिता के साथ कराई जाए।
  • लखनऊ के केजीएमयू में क्षय रोग सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना कराई जाए। लखनऊ स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल चिकित्सालय के विस्तारीकरण की आवश्यकता है। लखनऊ में नेशनल सेन्टर फॉर डिजीज कन्ट्रोल की शाखा स्थापना की कार्यवाही तेज की जाए।
  • सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मैटरनल एनीमिया मैनेजमेंट सेंटर की स्थापना कराई जाए। यह सुनिश्चित कराएं कि सभी एफआरयू पर ब्लड स्टोरेज यूनिट जरूर हो।
  • कोविड रिपोर्ट की तर्ज पर ही डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया की जांच रिपोर्ट भी पोर्टल पर उपलब्ध कराने के प्रयास हों।

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