- लखनऊ में 2 गुटों के बीच गोलीबारी, एक कुख्यात अपराधी मारा गया
- पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह गोलीबारी में मारा गया
- उसका साथी और एक अन्य शख्स इसमें घायल हुआ
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विभूति खंड इलाके में मऊ के पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह की सरेराह गोली मारकर हत्या कर दी गई। गैंगवार होने की आशंका जताई जा रही है। इस सनसनीखेज वारदात में अजीत सिंह की मौत हुई है और एक घायल हुआ है। ताबड़तोड़ फायरिंग से इलाके में हड़कंप मच गया है। खबर है कि अजीत सिंह को 30 गोलियां मारी गई हैं। मृतक अजीत सिंह के खिलाफ 18 मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें से 5 हत्या के हैं। उसे 31 दिसंबर 2020 को जिला मजिस्ट्रेट के द्वारा जिला बदर किया गया था।
लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने कहा, 'गोलीबारी की घटना हुई है। मृतक की पहचान पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह के रूप में हुई है। उनके एक सहयोगी को गोली लगी और वहीं से गुजर रहे एक शख्स को पैर में गोली लगी है। खतरे से बाहर है। मृतक के खिलाफ 17-18 केस हैं, जिसमें से 5 मर्डर के हैं। इसको हाल ही में जिला बदर किया गया है।'
पुरानी रंजिश के चलते गोलीबारी
डी के ठाकुर ने बताया कि अजीत सिंह अपने साथी मोहर सिंह के साथ शाम करीब साढ़े आठ बजे जीप से गोमती नगर में विभूति खंड के कठौता जा रहा था, तभी मोटरसाइकिल सवार तीन हमलावरों ने उन दोनों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं, जिसके जवाब में अजीत सिंह की तरफ से भी गोलियां चलायी गईं। प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि गोली मारने वाले अजीत के पूर्व परिचित थे और किसी पुरानी रंजिश के चलते यह गोलीबारी की घटना हुई है।
पुलिस आयुक्त के मुताबिक, पुलिस की कई टीम फरार आरोपियों की तलाश कर रही हैं और पुलिस सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है। अजीत सिंह को बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी का करीबी माना जाता था। अजीत सिंह (39) मऊ जिले का कुख्यात अपराधी था।
कांग्रेस का योगी सरकार पर निशाना
उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'उत्तर प्रदेश, अपराध प्रदेश में तब्दील हो चुका है। लखनऊ, विभूतिखंड में मऊ जिले के पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गयी है। प्रदेश में अपराधी इतने बेखौफ हैं कि आदित्यनाथ के नाक के नीचे ताबड़तोड़ गोलियां चलाई जा रही हैं।'