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UP में SC/ST आयोग का गठन, आगरा के रामबाबू हरित बने अध्‍यक्ष

Updated Jun 17, 2021 | 16:03 IST

Uttar Pradesh : यूपी सरकार के कार्यकाल के तकरीबन सवा चार साल बीत चुके हैं। अभी भी तमाम ऐसे आयोग और निगम हैं जहां अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्‍यों के पद खाली हैं या फिर नामित सदस्यों की नियुक्ति नहीं हुई है।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
UP में SC/ST आयोग का गठन।
मुख्य बातें
  • राज्य में लंबे समय से रिक्त हैं बोर्ड, निगमों एवं आयोगों में पद
  • उत्तर प्रदेश में अगले साल 2022 में होने हैं विधानसभा चुनाव
  • राज्य में लंबे समय से रिक्त हैं निगम, बोर्डों एवं आयोगों के पद

लखनऊ : राज्य के बोर्डों, निगमों एवं आयोगों के रिक्त पदों को भरने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार ने कदम आगे बढ़ा दिया है। इन पदों पर नियुक्तियां करने की मांग लंबे समय से चल रही थी। अब चूंकि, चुनाव में कुछ महीने बचे हैं ऐसे में समझा जा रहा है कि सरकार इन पदों पर नियुक्तियां करने में देर नहीं करना चाहती। योगी सरकार ने अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग में 18 नियुक्तियां की हैं। राज्य सरकार ने आगरा के रामबाबू हरित को आयोग का अध्यक्ष बनाया है। जबकि दो लोगों को उपाध्यक्ष और 15 को सदस्य बनाया गया है।

योगी सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पद पर भी नियुक्ति की है। सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष पद पर हीरा ठाकुर और उपाध्यक्ष पद पर प्रभुनाथ चौहान की नियुक्ति की है।

आयोग में 15 सदस्य भी हुए नामित
आयोग में अध्‍यक्ष, उपाध्‍यक्ष और सदस्‍य के पदों पर कार्यकताओं का समायोजन किया गया है। इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी अधिसूचना जारी कर दी गई है जिसके अनुसार, उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामबाबू हरित तथा उपाध्यक्ष मिथिलेश कुमार और श्री रामनरेश पासवान होंगे। इनके अलावा आयोग में 15 सदस्यों को भी नामित किया गया है।

उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के लिए नामित सदस्यों में साध्वी गीता प्रधान, ओमप्रकाश नायक, रमेश तूफानी, रामसिंह वाल्मीकि, कमलेश पासी, शेषनाथ आचार्य, तीजा राम, अनीता सिद्धार्थ, रामआसरे दिवाकर, श्याम अहेरिया, मनोज सोनकर, श्रवण गोण्ड, अमरेश चन्द्र चेरो, किशन लाल सुदर्शन, केके राज शामिल हैं।

राज्यपाल ने नियुक्तियों को दी मंजूरी
उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग अधिनियम-1995 सपठित संशोधन अधिनियम, 2007 की धारा-5 की उपधारा-1 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्यपाल महोदया ने उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग में तात्कालिक प्रभाव से महानुभावों को अध्यक्ष/उपाध्यक्ष/सदस्यगण के पद पर कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से 01 वर्ष अथवा 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, के लिए नामित किए जाने की स्वीकृति प्रदान कर दी है।  

रूठों को मनाने की कवायद शुरू
यूपी सरकार के कार्यकाल के तकरीबन सवा चार साल बीत चुके हैं। अभी भी तमाम ऐसे आयोग और निगम हैं जहां अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्‍यों के पद खाली हैं या फिर नामित सदस्यों की नियुक्ति नहीं हुई है। सरकार ने आज SC/ST आयोग का गठन कर दिया। जल्‍द अन्‍य आयोग और निगमों का गठन भी हो सकता है।

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