- गंगा एक्सप्रेस की मदद से 12 घंटे का सफर 6 घंटे में होगा पूरा
- भविष्य में इस एक्सप्रेस वे के वाराणसी तक ले जाने की योजना
- एक्सप्रेसवे के निकट बनेंगे इण्डस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और शिक्षण संस्थान
Meerut to Prayagraj Ganga Expressway: बुंदेलखंड और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के सपने को जमीन पर उतार रही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अब 'गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए युद्धस्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए यूपीडा सहित सभी संबंधित विभागों को 'मिशन मोड' में काम करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि एक्सप्रेस-वे के लिए अगले 06 महीने में 90 फीसद तक जमीन अधिग्रहीत कर ली जाए। अगले साल जून मध्य में इसका शिलान्यास और बरसात के बाद निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाए।
शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर 'गंगा एक्सप्रेस-वे' की तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। बुंदेलखंड और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के बाद यह 06 लेन का गंगा एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश को नई पहचान देगी। इसे 08 लेन तक बढ़ाया जा सकता है। इसी माह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वाराणसी से प्रयागराज के बीच एक 06 लेन की सौगात मिलने जा रही है। यह एक्सप्रेस-वे विकास के वाहक हैं। इनके बन जाने से उत्तर प्रदेश में कनेक्टिविटी की सुविधा बेहतरीन हो जाएगी।
₹36,410 करोड़ में तैयार होगा गंगा एक्सप्रेस-वे
गंगा एक्सप्रेस-वे के बारे में जानकारी देते हुए यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने मुख्यमंत्री को बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए पश्चिमी उत्तरप्रदेश के एक-एक गांव का सर्वे कर विस्तृत कार्ययोजना बना ली गई है। यह भव्य एक्सप्रेस-वे मेरठ और प्रयागराज के बीच छह लेन का 594 किलोमीटर लंबा होगा, जो वर्तमान में ग्राम बिजौली, जिला मेरठ के पास से शुरू होकर प्रयागराज में जुदापुरडाँडो के पास एनएच 19 के बाईपास पर समाप्त होगा। यूपीडा के सीईओ ने बताया कि इस परियोजना की कुल संभावित लागत करीब ₹36,410 करोड़ आंकी गई है, जिसमें भूमि अधिग्रहण के लिए करीब ₹9,255 करोड़ अनुमानित है। जबकि 22,145 करोड़ रुपए सिविल निर्माण में खर्च होंगे। मार्ग में आने वाले सभी 12 जनपदों में ग्राम सभा के स्वामित्व की भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। इस बारे में राजस्व विभाग की सहमति ले ली गई है। उन्होंने यह भी बताया कि वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए सभी विकल्पों पर ध्यान दिया जा रहा है। विदेशी निवेश के प्रस्ताव भी प्राप्त हुए हैं। बैंकों की ओर से भी स्वतः प्रस्ताव मिल रहे हैं। इस बारे में शीघ्र ही निर्णय हो जाएगा। मुख्यमंत्री योगी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि इस बात का ध्यान रखा जाए कि किसी भी दिशा में बजट रिवाइज न हो। इसकी अनुमति नहीं मिलेगी।
गंगा एक्सप्रेस-वे :एक नजर में
594 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे 06 लेन का होगा, जिसे भविष्य में 08 लेन तक किया जा सकेगा। वर्तमान में ग्राम बिजौली, जिला मेरठ के पास से शुरू होकर प्रयागराज में जुदापुरडाँडो के पास एनएच 19 के बाईपास पर समाप्त होगा। 12 जिले: मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज जनपदों से होकर गुजरेगा। एक्सप्रेसवे की डिजाइन स्पीड 120 किमी प्रति घंटा एवं यातायात हेतु स्पीड 100 किमी प्रति घंटा होंगी।एक्सप्रेसवे पर 17 इंटरचेंज प्रस्तावित है जो प्रमुख मार्गो एवं शहरों से जुड़ेंगे। 09 यात्री सुविधा केंद्र प्रस्तावित हैं, जो मुख्य मार्ग के दोनों तरफ से जुड़े होंगे। पश्विमी उत्तर प्रदेश के मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाला गंगा एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास और अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार देगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विशेष फोकस प्रदेश के लोगों के जनजीवन को सुगम करने पर है।
इन जनपदों का होगा चौतरफा विकास
यूपीडा के CEO एवं ACS सूचना एवं गृह अवनीश अवस्थी के अनुसार, गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, हापुड़, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज जनपद से गुजरेगा। यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे से प्रारम्भ होकर जनपद प्रयागराज में एन.एच.-19 के बाईपास पर सोरांव तक जाएगा। इसकी कुल अनुमानित लम्बाई 602.13 कि.मी. होगी। इसके निर्माण से दिल्ली-प्रयागराज की सड़क मार्ग से यात्रा लगभग 6 घंटे में की जा सकेगी, जिसमें अभी 11-12 घंटे लगते हैं। ऐसे में इन जनपदों का चौतरफा विकास होगा। एक्सप्रेसवे के निकट इण्डस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, मेडिकल संस्थान आदि की स्थापना हेतु भी अवसर सुलभ होंगे।
एक्सप्रेस वे के आसपास लगेंगे उद्योग
मुख्यमंत्री एक्सप्रेस के बहाने प्रदेश के औद्योगिक विकास की कमर मजबूत करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे से जुड़ रहे सभी 12 जनपदों में औद्योगिक क्लस्टर तैयार किए जाएं। उद्योगों के विकास और निवेश के लिए प्रदेश में अनुकूल माहौल है। एक्सप्रेस-वे निर्माण के साथ-साथ क्लस्टर के लिए भी भूमि की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटनाओं को न्यूनतम रखने के लिए प्रारंभ से ही उपाय किए जाएं। यात्रियों की सुविधा एवं सड़क सुरक्षा के लिए एक्सप्रेस-वे पर प्रति 50 कि.मी. पर वे-साइड एमेनिटीज/टॉयलेट ब्लॉक का प्राविधान किया गया है।
प्रयागराज से आगे बनारस तक ले जाने की योजना
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के विकास को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गंगा एक्सप्रेस-वे को भविष्य में जनपद वाराणसी में मल्टी मोडल टर्मिनल तक ले जाने की सोच रहे हैं। उन्होंने यूपीडा के अधिकारियों को बाकायदा निर्देश दिए हैं कि भविष्य में गंगा एक्सप्रेस को वाराणसी तक ले जाने की संभावनाओं पर विचार करें और आवश्यक कार्रवाई करें।
ऐसे बनेगा देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे
बता दें कि 29 जनवरी 2019 को योगी आदित्यनाथ ने गंगा की धारा के साथ 'गंगा एक्सप्रेसवे' के निर्माण को हरी झंडी दी थी। दो फेस में बनने वाले इस एक्सप्रेस की लंबाई 1020 किलोमीटर होगी जोकि अपने आप में कीर्तिमान है। यह देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे होगा। 602 किलोमीटर के पहले फेज में यह मेरठ से अमरोहा, बुलंदशहर, बदायूं, शाहजहांपुर, कन्नौज, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज पहुंचेगा। वहीं दूसरे फेस में एक सेक्शन 110 किलोमीटर का होगा जोकि गढ़मुक्तेश्वर से उत्तराखंड बॉर्डर तक और एक सेक्शन 314 किलोमीटर का होगा जोकि प्रयागराज को बलिया से जोड़ेगा।