- एक हेल्थकेयर एग्जीक्यूटिव को धोखाधड़ी में 7.20 लाख रुपये का चूना लगा
- पीड़ित को महिला से फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली थी
- शिकायतकर्ता को वीडियो कॉल कर अपने कपड़े उतारने लगी महिला
Mumbai Crime News: मुंबई के एक 43 वर्षीय हेल्थकेयर एग्जीक्यूटिव को धोखाधड़ी में 7.20 लाख रुपये का चूना लग गया है। उसे दिल्ली साइबर पुलिस अधिकारी बन कुछ लोग ब्लैकमेल कर रहे थे। चिंचपोकली के रहने वाले एक शख्स को 13 जुलाई को एक महिला से फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली थी। पीड़ित ने रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लिया और उन दोनों ने चैट करना शुरू कर दिया था।
बाद में महिला शिकायतकर्ता को वीडियो कॉल कर अपने कपड़े उतारने लगी। पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया है कि महिला ने वीडियो कॉल काट दिया और उसे फेसबुक पर भी ब्लॉक कर दिया। महिला ने फिर अपने व्हाट्सएप नंबर पर एक वीडियो कॉल किया और अपनी तरह पीड़ित को भी कपड़े उतारने के लिए कहने लगी।
फोन पर आरोपी पीड़ित को करने लगा ब्लैकमेल
इसके बाद महिला ने फिर पीड़ित का नंबर ब्लॉक कर दिया। वहीं बीती 14 जुलाई को पीड़ित को एक कॉल आया और कॉल करने वाले ने महिला द्वारा यूट्यूब और फेसबुक पर रिकॉर्ड किए गए वीडियो को अपलोड करने की धमकी देने लगा। इसके बदले आरोपी ने पीड़ित से 15,000 रुपये की मांग की, जो उसे दे दिया और अपना व्हाट्सएप नंबर बंद कर लिया। इसके बाद 18 जुलाई को अरुण सक्सेना नाम के एक शख्स ने पीड़ित को फोन किया और अपना परिचय दिल्ली के साइबर क्राइम ऑफिसर के तौर पर दिया। उसने शिकायतकर्ता को बताया कि अश्लील वीडियो यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया साइटों पर अपलोड किया गया है। जब पीड़ित ने पूरा वाकया सुनाया तो सक्सेना ने उसे एक नंबर दिया और पीड़ित से कहा कि वह उस व्यक्ति से संपर्क करे ताकि वह यूट्यूब से वीडियो हटा सके।
आरोपी महिला को दिखाया मृत
फोन करने के बाद शख्स ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से वीडियो को हटाने के लिए 76,000 रुपये की प्रोसेसिंग फीस मांगी। पीड़ित ने इस राशि का भी भुगतान कर दिया। वहीं बीते सोमवार को अरुण सक्सेना ने पीड़ित को फिर फोन किया और उसे सूचित किया कि महिला ने आत्महत्या कर ली है और इसके लिए उसे पीड़ित को जिम्मेदार ठहराया है। सक्सेना ने पीड़ित की एक तस्वीर भी फॉरवर्ड की जिसमें महिला बिस्तर पर लेटी हुई दिखाई दे रही थी जैसे कि वह मर गई हो और उसे सूचित किया कि महिला के रिश्तेदार मामले को सुलझाने और आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए पीड़ित के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी से उसका नाम हटाने के लिए 5 लाख रुपये लगेंगे। पीड़ित ने जब इन पैसों का भी भुगतान कर दिया तो अरुण सक्सेना उससे और पैसों की मांग करने लगे, जिसके बाद पीड़ित को एहसास हुआ कि उसे ठगा जा रहा था। इसके तुरंत बाद उसने निर्मल नगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई। फिलहाल मुंबई पुलिस मामले की जांच कर रही है।