- अनजाने में पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश कर गए थे चंदू चव्हाण
- चंदू चव्हाण ने कहा कि मुझे सेना में संदेह की निगाह से देखा जा रहा है
- चव्हाण ने अपने यूनिट कमांडर को अपना त्याग पत्र भेजा दिया है
मुंबई: भारतीय सेना (Indian Army) के एक सिपाही ने कहा है कि फोर्स (force) में लगातार हो रही 'उत्पीड़न' (harassment)की वजह से वो सेना की नौकरी को छोड़ रहा है। बता दें कि सिपाही चंदू चव्हाण ने 2016 में अनजाने में पाकिस्तान ( Pakistan)में प्रवेश किया था।
उन्होंने कहा, 'जब से मैं पाकिस्तान से वापस आया, मुझे सेना में लगातार परेशान किया जाता रहा है और मुझे संदेह (suspicion)की नजर से देखा जा रहा है, इसीलिए मैंने नौकरी छोड़ने का फैसला किया।' रिपोर्ट्स के अनुसार, चव्हाण ने अहमदनगर (Ahmednagar)में अपने यूनिट कमांडर को अपना त्याग पत्र भेजा दिया है।
चव्हाण को चार महीने तक पाकिस्तान रेंजर्स (Pakistan Rangers) ने पकड़ लिया था और उसे भारत के हवाले करने से पहले पीटा गया, प्रताड़ित किया गया और लगभग मारकर अधमरा कर दिया गया। इसके बाद, जब चव्हाण भारत लौटकर आए तो पिछले महीने, वो एक दुर्घटना का शिकार हो गए।
दुर्घटना के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। चव्हाण के चेहरे (face) और सिर (skull) पर गहरी चोटें लगी थी। वहीं, उनके चार दांत टूट गए थे। जबकि चव्हाण के भौंह (eyebrow) के नीचे और बाईं ठोड़ी (left chin) के साथ- साथ उनके ऊपरी होंठ (upper lip) के नीचे भी खरोंच आ गई थी। वहीं सेना ने इस मामले पर अपनी बात कही है, और सिपाही चंदू को लेकर कुछ बातों के बारे में बताया है।
बता दें कि चव्हाण के साथ ये घटना तब हुई थी, जब वो अपनी दो पहिया वाहन से बिना हेलमेट (Helmet) पहने जा रहे थे और अचानक से वो एक गड्डे में गिर पड़े थे। घटना महाराष्ट्र (Maharashtra) के धुले जिले के बोहिरवीर के पास की है।