- सूत्रों के मुताबिक कुछ विधायक कैबिनेट एक्सपेंशन के बाद से नाराज बताए जा रहे हैं
- इन सारी बातों को राज्य के डिप्टी सीएम अजित पवार खारिज कर रहे हैं
- इससे पहले इस कैबिनेट विस्तार में एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके को जगह नहीं मिल सकी थी
- मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक प्रकाश सोलंके की नाराजगी सामने आ गई थी
मुंबई: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में चल रही सरकार में सबकुछ एकदम सामान्य नहीं चल रहा है सूत्रों के मुताबिक कुछ विधायक कैबिनेट एक्सपेंशन के बाद से नाराज बताए जा रहे हैं,इनमें से कुछ तो अपनी नाराजगी सार्वजनिक कर चुके हैं वहीं कुछ अंदरखाने से नाराज हैं लेकिन सामने से दिखा नहीं रहे हैं।
बताया जा रहा है कि एनसीपी और कांग्रेस पार्टी के कुछ ऐसे चेहरे जिनको मंत्रिमंडल विस्तार में उम्मीद थी कि उन्हें स्थान मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो उनकी नाराजगी उभर आई है।
वहीं इन सारी बातों को राज्य के डिप्टी सीएम अजित पवार खारिज कर रहे हैं, अजीत पवार ने सीएम उद्धव ठाकरे और अन्य महा विकास अघडी नेताओं के साथ बैठक करने के बाद कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है, हमने चर्चा की कि किस मंत्री को कौन सी जिम्मेदारी दी जानी चाहिए, हमने अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की।
इससे पहले इस कैबिनेट विस्तार में एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके को जगह नहीं मिल सकी थी, सोलंके एनसीपी के चार बार के विधायक हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक प्रकाश सोलंके की नाराजगी सामने आ गई थी और महाराष्ट्र की मजलगांव सीट से एनसीपी विधायक प्रकाश सोलंके का कहना था कि वो विधानसभा सदस्य के रूप में इस्तीफा देंगे। सोलंके का कहना है कि वह राजनीति करने के लिए अयोग्य हैं।
वहीं शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन के पीछे राउत की भूमिका अहम मानी जाती है। बीजेपी के खिलाफ सबसे ज्यादा मुखर रूप इन्होंने ही अपनाया था। वही जब शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुंचे तो ये सवाल उठे कि वो चाहते थे कि उनके भाई सुनील राउत को मंत्री बनाया जाए। सुनील राउत मुंबई में विक्रोली से विधायक हैं और उन्हें मंत्री बनाए जाने की उम्मीद थी।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने के एक महीने बाद उद्धव ठाकरे ने अपने कैबिनेट का विस्तार 30 दिसंबर को किया था। इससे पहले पिछले महीने 28 तारीख को, शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस ने मिलकर गठबंधन बनाया था और उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
तब उद्धव के साथ 6 मंत्रियों - एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के दो-दो लोगों ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी।