- सुप्रीम कोर्ट के फ्लोर टेस्ट के आदेश के बाद डिप्टी सीएम अजित पवार और सीएम देवेंद्र फड़णवीस ने इस्तीफा दिया
- इस्तीफे से पहले फड़णवीस ने कहा कि विधानसभा चुनाव में शिवसेना-बीजेपी गठबंधन को जनादेश मिला था
- महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के पास 105, शिव सेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें हैं
मुंबई : महाराष्ट्र पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सियासी घटनाक्रम तेज हो गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का आदेश दिए जाने के कुछ घंटे बाद मुख्यमंत्री देवेंद फड़णवीस ने गर्वनर भगत सिंह कोश्यारी को इस्तीफा दिया। इससे पहले उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा कि मैं इस्तीफा दे रहा हूं। हमारे पास बहुमत नहीं है। अब हम विपक्ष में बैठेंगे। हमने पांच साल बहुत मेहनत से काम किया। नई सरकार को शुभकामनाएं। अब नई सरकार को काम करना सिखाएंगे। उन्होंने कहा कि तीन पहियों वाली सरकार कैसे चलेगी? नई सरकार के तीनों पहिए अलग दिशा में चलेंगे। अजित पवार ने सरकार बनाने के लिए राजीनामा दिया। उसके बाद सरकार बनाई गई। बीजेपी ने पहले तय किया था हम कभी हॉर्स ट्रेडिंग नहीं करेंगे। तीनों पार्टी का मकसद सिर्फ बीजेपी को सत्ता हटाना था। हम मजबूत विपक्ष का काम करेंगे। बीजेपी अध्यक्ष ने कभी भी ढाई साल के लिए सीएम पद का वादा नहीं किया था।
फड़णवीस ने कहा कि विधानसभा चुनाव में शिवसेना-बीजेपी गठबंधन को जनादेश मिला था। हमने सरकार बनाने की कोशिश की। बीजेपी से सबसे ज्यादा 105 सीटें मिली थीं। शिवसेना से कभी सीएम पद की बात नहीं हुई थी। शिवसेना ने हमें धमकाया कि हमें कोई और सीएम बना देगा। सीएम की कुर्सी के लिए मोल भाव किया गया। शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस से बातचीत शुरू की। शिवसेना ने अपना मजाक बना लिया। तीनों दलों ने सरकार बनाने से इनकार किया था। उन्होंने कहा कि इससे मेरी छवि पर असर नहीं पड़ेगा, मैं जैसा हूं वैसा ही रहूंगा, प्रदेश की जनता की भलाई के लिए काम करता रहूंगा। इससे पहले आज प्रदेश के डिप्टी अजित पवार ने इस्तीफा दे दिया।
सूत्रों की मानें तो महा विकास अघाडी आज शाम राजभवन जाकर राज्यपाल से मिलेगा। अघाडी अपने नए सीएम के बारे में शाम साढ़े छह बजे घोषणा करेगा।
इससे पहले सुप्रीम कोर्टने निर्देश दिया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस बुधवार को विधान सभा में अपना बहुमत सिद्ध करें। तीन जजों की बैंच ने गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से कहा कि वह प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करें और यह सुनिश्चित करें कि सभी निर्वाचित प्रतिनिधि बुधवार को ही शपथ ग्रहण कर लें।
कोर्ट ने कहा कि इस समूची प्रक्रिया को बुधवार की शाम 5 बजे तक पूरा किया जाएगा और इसका सीधा प्रसारण किया जाएगा। बैंच ने कहा कि सदन में गुप्त मतदान नहीं होगा। राज्यपाल कोश्यारी द्वारा नियुक्त प्रोटेम स्पीकर नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाएंगे।
कोर्ट ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों और सुशासन के नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए सदन में फ्लोर टेस्ट का अंतरिम आदेश देना जरूरी है। संवैधानिक सुचिता को ध्यान में रखते हुए बैंच ने कहा कि राज्य में चुनाव के नतीजे आने के एक महीने बाद भी निर्वाचित सदस्यों को शपथ नहीं दिलाई गई है।
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधान सभा में बीजेपी के 105 सदस्य है और वह सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है। इस चुनाव में शिव सेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटों पर विजय हासिल हुई है।