लाइव टीवी

Indian Railways: मुंबई में हवा से बनेगा पानी, जानिए किसने की यह सार्थक पहल और कहां लगेगी यह खास मशीन

Updated Sep 02, 2022 | 18:21 IST

Central Railway: मध्य रेलवे की ओर से एक सार्थक पहल की गई है। मुंबई के प्रमुख छह स्टेशनों पर हवा से पानी बनाने वाली मशीन लगाई जा रही है। 17 मशीने लगाई जा रही हैं। यात्री इससे कम पैसे खर्च कर पानी की बोतल में भर सकेंगे।

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspTwitter
मध्य रेलवे की ओर से मुंबई के 6 स्टेशनों पर लगेगी हवा से पानी बनाने वाली खास मशीन (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
  • मुंबई के छह स्टेशनों पर 17 कियोस्क मशीन लगाई गई हैं
  • यात्री इस मशीन का इस्तेमाल कर पीने का पानी भर सकते हैं
  • एक लीटर बोतल का पानी 12 रुपए देकर भर सकते हैं यात्री

Mumbai News: मध्य रेलवे ने मुंबई के रेलवे स्टेशनों पर हवा से पानी निकालने वाली मेघदूत नाम की मशीनें लगाने की घोषणा कर दी है। प्रारंभिक दौर में छह स्टेशनों पर 17 कियोस्क मशीनें लगाई गई हैं। इनमें सीएसएमटी और दादर में पांच-पांच मशीनें, ठाणे स्टेशन पर चार और कुर्ला, घाटकोपर और विक्रोली में एक-एक मशीन लगाई गई हैं। यात्री इस मशीन का प्रयोग कर अपने पीने की पानी की बोतल को भर सकते हैं। यात्रियों को किफायती दाम में पीने को पानी मिल सकेगा। बता दें कि अधिकारियों ने कहा है कि एक लीटर की बोतल को 12 रुपये में रिफिल किया जा सकता है। 500 मिलीलीटर की बोतल भरने की कीमत 8 रुपये है। यह कीमत सभी स्टेशनों पर लागू रहेगी।

मशीन ऐसे करती है काम

मिली जानकारी के अनुसार मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार ने बताया है की, हमने स्टेशनों पर वायुमंडलीय जल जनरेटर उपकरण स्थापित कर दिए हैं। यह संयंत्र आसपास की हवा से पानी निकालते हैं। मैत्री एक्वाटेक द्वारा स्थापित उपकरण हवा में जल वाष्प को ताजे और स्वच्छ पेयजल में परिवर्तित करने के लिए एक नवीन तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। यह तकनीक संक्षेपण के विज्ञान का इस्तेमाल करती है। मशीन में मौजूद दूषित पदार्थों को निकालने के लिए हवा को फिल्टर भी किया जाता है। फिल्टर की गई हवा मशीन के कूलिंग चेंबर से होकर निकलेगी जहां की हवा ठोस में परिवर्तित हो जाएगी। संघनित हवा पानी के रूप में बदल जाएगी। इससे निकलने वाला पानी स्टोरेज टैंक में जमा हो जाया करेगा। बता दें कि टैंक से छोड़ा गया पानी भी फिल्ट्रेशन की विभिन्न परतों से होकर निकलेगा। ऐसी सभी प्रक्रियाओं के बाद हवा से शुद्ध पानी मिल सकेगा।

भारत की पहली स्वदेशी तकनीकी से बनी है मशीन

बता दें कि ये उपकरण भारत के पहले स्वदेशी वायुमंडलीय जल जनरेटर हैं जिनमें खनिज युक्त पानी है। अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने पानी तैयार करने के लिए सीएसआईआर-भारतीय रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान, हैदराबाद की सहायता ली थी। वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि कंपनी मशीनों का रखरखाव करेगी और रेलवे को सालाना 25,50,000 रुपये मिल जाएंगे। जो कि प्रत्येक कियोस्क के लिए प्रति वर्ष 1,50,000 रुपये होंगे।

Mumbai News in Hindi (मुंबई समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharat पर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।