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कोरोना की चपेट में रिटायर पुलिसकर्मी, इलाज में खर्च होंगे 25 लाख, परिवार ने मांगी मदद

Updated Jul 05, 2020 | 10:25 IST

Mumbai Coronavirus: रिटायर होने के बाद कोरोना की चपेट में आए पुलिसकर्मी के परिवार को इलाज के लिए पैसे की जरूरत है। इसके लिए उन्होंने सरकार से मदद मांगी है।

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रिटायर होने के बाद कोरोना की चपेट में पुलिसकर्मी
मुख्य बातें
  • 31 मार्च को रिटायर हुआ पुलिसकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हुआ
  • पुलिसकर्मी का हालत में बहुत सुधार नहीं हो रहा, वेंटिलेटर पर है मरीज
  • पुलिसकर्मी के इलाज में 25 लाख का खर्चा आ सकता है

मुंबई: इस साल 31 मार्च को डोंगरी पुलिस स्टेशन से रिटायर हुए 58 साल के असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए। अब उनके इलाज में 25 लाख रुपए खर्च होने की संभावना है। इसी को लेकर उनकी पत्नी ने गृह मंत्री और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर आर्थिक मदद मांगी है। रिटायर पुलिसकर्मी का प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है।

'हिंदुस्तान टाइम्स' की खबर के अनुसार, उनके बेटे ने कहा, 'परिवार ने 13.5 लाख रुपए की व्यवस्था की है।' उसने कहा, 'हमारे परिवार और दोस्तों ने हमारी काफी हद तक मदद की है। अब हमने गृह विभाग और मुंबई पुलिस कमिश्नर से हमारी मदद करने का अनुरोध किया है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि वे मदद करेंगे।'

सेवानिवृत्त ASI का परिवार मुंबई सेंट्रल में बीआईटी चॉल पुलिस कॉलोनी में रहता है। अपने पत्र में, सेवानिवृत्त एएसआई की पत्नी ने कहा कि उनका बेटा कॉलेज में पढ़ रहा है और उनके पति परिवार में कमाने वाले एकमात्र सदस्य थे। इस प्रकार, उसके लिए राशि का भुगतान करना संभव नहीं है।

संयुक्त पुलिस आयुक्त (प्रशासन) नवल बजाज ने कहा, 'नियमानुसार, महाराष्ट्र पुलिस की कुटुम्ब आरोग्य योजना (जिसके तहत पुलिस कर्मचारी और उनके परिवार मुफ्त इलाज का लाभ उठा सकते हैं) कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने के बाद समाप्त हो जाती है। हालांकि हम अन्य तरीको का पता लगा रहे हैं, जिनके माध्यम से हम उसकी मदद कर सकें।' 

हालत में नहीं हो रहा सुधार

पत्र के अनुसार, एएसआई 20 मार्च से ठंड और बुखार से पीड़ित थे। उन्होंने चिकित्सा अवकाश के लिए आवेदन नहीं किया। बाद में, 31 मार्च को सेवानिवृत्त होने के बाद भी वह एक महीने से अधिक समय तक अस्वस्थ रहे। एएसआई एक चिकित्सक के पास गए जिसने उन्हें कोविड-19 टेस्ट करवाने को कहा। मई के महीने में वो कोरोना पॉजिटिव निकले। उन्हें कई अस्पतालों में भर्ती कराने की कोशिश की, लेकिन वहां बेड उपलब्ध नहीं थे। बाद में 6 मई को एक प्राइवेट अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया। उनकी हालत बिगड़ गई और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। उनकी हालत में अभी तक पूरी तरह से सुधार नहीं हुआ है।

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