- मुंबई में एक दंपति ने जब कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दी तो कुत्तों की कस्टडी को लेकर भी फैसला हुआ
- 18 साल के शादीशुदा जीवन के बाद दंपति ने यह कहते हुए तलाक चाहा कि उनकी आदतें नहीं मिलतीं
- कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद दोनों के बीच कुत्तों की कस्टडी को लेकर मामला सुलझा और एक समझौता हुआ
मुंबई : अपने पालतू पशुओं से इंसान का प्रेम किस कदर हो सकता है, इसकी बानगी एक बार फिर मुंबई में सामने आई है, जहां 18 साल के शादीशुदा जीवन के बाद एक दंपति ने जब अलग होने का फैसला किया तो उनके सामने सबसे बड़ा सवाल यही था कि आखिर उन दो पालतू कुत्तों का पालन-पोषण कैसा होगा, जिसे उन्होंने करीब 3 साल पहले गोद लिया था। आखिर में दोनों के बीच कुत्तों की ज्वाइंट कस्टडी के लिए सहमति बनी।
'हमारी आदतें नहीं मिलतीं'
तलाक का यह मामला फरवरी में सामने आया था, जिसके बाद दंपति ने जर्मन शेफर्ड कुत्तों की कस्टडी को लेकर कोर्ट का रुख किया था। इनकी उम्र 40 साल के आसपास बताई जा रही है। बैंक में कार्यरत शख्स और घरेलू महिला ने यह कहते हुए तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी दी थी कि उनकी आदतें, सोच और जीवनशैली एक-दूसरे से नहीं मिलतीं और इसलिए उन्होंने आपसी सहमति से अलग होने का फैसला किया है।
कुत्तों को नहीं चाहते थे अलग करना
दंपति हालांकि दिसंबर 2018 से ही एक-दूसरे से अलग रह रहे हैं और कोर्ट में जब उन्होंने तलाक के लिए अर्जी दी तो कहा कि भले ही कुछ कारणों से उन्हें अलग होना पड़ा, लेकिन वे नहीं चाहते कि दोनों कुत्तों को भी अलग रहना पड़े। कोर्ट ने नियम के अनुसार पहले उन्हें सुलह करने के लिए कहा और इसके लिए छह महीने का समय भी दिया, जिसके बाद अब इस मामले में फैसला आया है।
कुत्तों की कस्टडी को लेकर बनी सहमति
अदालत ने जहां दोनों के बीच तलाक को मंजूरी दे दी, वहीं पालतू कुत्तों की कस्टडी पर भी फैसला दिया। कोर्ट ने दोनों कुत्तों की कस्टडी जहां बैंकर को दी दी, वहीं महिला को यह अधिकार दिया कि वह समय-समय पर इन कुत्तों से मिलने के लिए पहुंच सकती हैं। महिला को यह भी अधिकार दिया गया है कि वह साल में तीन बार लगातार एक-एक महीने के लिए कुत्तों को अपने पास रख सकती है।