- मुंबई पुलिस ने फॉल्स टीआरपी रैकेट का भंडाफोड़ किया है
- पुलिस के मुताबिक, तीन चैनल पैसे देकर टीआरपी खरीदते थे
- इस मामले में दो लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है
मुंबई : मुंबई पुलिस ने फॉल्स टीआरपी रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। उनका कहना है कि कुछ चैनल पैसे देकर टीआरपी खरीदते थे। इस टीआरपी के खेल में पुलिस ने तीन चैनलों के शामिल होने की बात कही है। इस मामले में अब तक दो लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है। पुलिस का कहना है कि टीआरपी डेटा के साथ छेड़छाड़ की गई है और उन्होंने तीन चैनलों के खिलाफ सबूत भी जुटाए हैं।
मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के मुताबिक गिरफ्तार एक शख्स का संबंध और दूसरे वांछित कर्मचारियों का संबंध हंसा रिसर्च ग्रुप प्राइवेट लिमिटेड से है। इन लोगों पर आरोप है कि ये लोग फर्जी तरीके से टीआरपी के खेल में शामिल थे। इन लोगों ने विश्वसनीयता का न सिर्फ उल्लंघन किया बल्कि गोपनीय जानकारियों को साझा भी किया। इनका मकसद कुछ खास टीवी चैनलों को लाभ पहुंचाना था।
तीन चैनलों का नाम
बताया जा रहा है कि ये कुछ परिवारों को रिश्वत देकर उनसे अपने घर पर कुछ खास चैनल चलाए रखने के लिए कहते थे। इस बड़े हेरफेर में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मुंबई पुलिस के कमीश्नर परमबीर सिंह ने गुरुवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में टीआरपी के इस खेल में तीन चैनलों रिपब्लिक टीवी और दो स्थानीयल चैनलों- फक्त मराठी तथा बॉक्स सिनेमा का नाम लिया और कहा कि उन्होंने इसके खिलाफ साक्ष्य जुटाए हैं।
मुंबई पुलिस प्रमुख के मुताबिक, टीवी चैनल और BARC के पूर्व कर्मचारी टीआरपी डेटा के हेरफेर में शामिल थे। रिपब्लिक टीवी ने भी आंकड़ों का हेरफेर किया। उन्होंने कहा कि रिपब्लिक टीवी तथा दो अन्य चैनलों के बैंक खातों की भी जांच की जा रही है। रिपब्लिक टीवी के कर्मचारियों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। टीवी प्रमोटर्स और चैनलों को निदेशकों को भी मामले की जांच के सिलसिले में समन किया जा सकता है।
रिपब्लिक टीवी की सफाई
इस बीच रिपब्लिक टीवी ने टीआरपी के इस खेल में अपना नाम आने पर सफाई पेश की है। अर्नब गोस्वामी ने बयान जारी कर कहा है कि मुंबई पुलिस कमिश्नर ने रिपब्लिक टीवी पर इसलिए आरोप लगाए, क्योंकि उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत केस में जांच पर सवाल उठाए। रिपब्लिक टीवी मुंबई पुलिस कमिश्नर के खिलाफ आपराधिक मानहानिक का केस करेगा।