- आपत्तियां दर्ज करवाने की तिथि 3 जुलाई तक बढी
- 9 जुलाई को वोटर लिस्टें जारी होंगी
- अब तक 1306 आपत्तियां दर्ज की गई
Municipal Elections 2022 : पुणे में आने वाले नगर निकाय चुनाव के तहत महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवड में महानगरपालिका निर्वाचन शाखा द्वारा वार्डों की मतदाता सूचियों को लेकर आपत्तियां दर्ज करवाई जा रही है। इसमें नेताओं सहित चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों ने अपने - अपने वार्डों को लेकर बड़े स्तर पर आपत्तियां दर्ज करवाई हैं। निर्वाचन शाख के मुताबिक आपत्तियां दर्ज करवाने की अंतिम तिथि एक जुलाई तक कुल 1306 आपत्तियां अब तक दर्ज हो चुकी हैं।
वोटर लिस्टों में सही तरीके से मतदाताओं के नाम जुड़ या हट सकें इसके लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने अब आपत्तियां दर्ज करवाने की तिथि को आगे बढाकर इसे 3 जुलाई तक कर दिया है। इसे लेकर महानगर पालिका चुनाव शाखा प्रभारी बालासाहेब खांडेकर ने बताया कि अब तक मिली आपत्तियों में मुख्य तौर पर सबसे अधिक एक से दूसरे वार्ड में नाम ट्रांसफर करने के मामले हैं। उन्होंने बताया कि वोटर लिस्टों में संशोधन को लेकर चुनाव शाखा में 125 कार्मिकों की ड्यूटी लगाई गई है। कार्मिक दर्ज करवाई गई आपत्तियों की मौके पर जाकर जांच कर रहे हैं।
इन विधानसभाओं में इतने वोटर्स
उन्होंने बताया कि अगर किसी वोटर का नाम महानगर पालिका की सूची में नहीं है, मगर विधानसभा की सूची में है तो वह वोटर अपनी आपत्ति दर्ज करवा सकता है। उन्होंने बताया कि वार्डवार वोटर लिस्टों की सूची 9 जुलाई को जारी की जाएगी। चुनाव शाख प्रमुख के मुताबिक चिंचवड विधानसभा इलाके में 5,33,449 वोटर हैं। जबकि पिंपरी विधानसभा क्षेत्र में 3,76,470। वहीं भोसरी विधानसभा में 5,27,799 व भोर विधानसभा के ताथवड़े गांव में 9 हजार 575 मतदाता है। ऐसे में सभी इलाकों में कुल 15 लाख 693 मतदाता हैं। इनमें 12 हजार 564 वोटर्स के ऐसे नामों को हटाया गया है जो या तो अन्यत्र कहीं जा चुके हैं या फिर उनकी मौत हो चुकी। वहीं निकाय चुनाव में 8 लाख 3,647 पुरुष व 6 लाख 87, 647 महिलाएं वोट डालेंगी। इस बार इस बार वर्ष 2017 की तुलना में 3 लाख के करीब नए वोटर्स बढ़े हैं।
दलों का राजनीतिक दखल का आरोप
वोटर लिस्टों में दर्ज की जा रही आपत्तियों के बीच भाजपा-शिवसेना ने इन्हें लेकर पॉलिटिकल दखल का आरोप जड़ा है। दोनों राजनीतिक दलों का आरोप है कि वोटरों के नाम मतदाता सूची में गलत तरीकों जोड़े जाते हैं। वहीं वार्डों का सीमांकन भी सही तरीके से नहीं किया जा रहा है।