- टूलकिट केस में दिशा रवि के साथ निकिता जैकब भी आरोपी
- दिल्ली पुलिस के मुताबिक निकिता जैकब है टूलकिट की लेखक
- निकिता के खिलाफ दिल्ली पुलिस सायबर सेल की तरफ से गैर जमानती वारंट जारी है।
मुंबई। किसान आंदोलन के बीच इस समय टूलकिट की चर्चा हो रही है। शायद इसकी चर्चा नहीं होती अगर पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने इसे अपने ट्वीट में शेयर न किया होता। इस केस में तीन भारतीयों का नाम आया है जिसमें दिशा रवि इस समय दिल्ली पुलिस की रिमांड में हैं। दूसरी निकिता जैकब के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है और तीसरे शख्स को मुंबई हाईकोर्ट से ट्रांजिट रिमांड से रिमांड से राहत मिल चुकी है। गैर जमानती वारंट के खिलाफ निकिता जैकब की अर्जी पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला देते हुए उन्हें राहत दी है।
बांबे हाईकोर्ट के फैसले में क्या है
बॉम्बे हाईकोर्ट ने निकिता जैकब की ट्रांजिट अग्रिम जमानत अर्जी, टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा एफआईआर के संबंध में 3 सप्ताह के लिए उसकी ट्रांजिट जमानत देने की अनुमति दी।गिरफ्तारी के मामले में, उसे 25,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर रिहा किया जाएगा।
टूलकिट और निकिता जैकब
दिल्ली पुलिस का कहना है कि टूलकिट को दिशा रवि ने ग्रेेटा थनबर्ग से साझा किया था जिसकी ऑथर निकिता जैकब थी और उसे बीड के रहने वाले शांतनू से मदद मिली। पुलिस का यह भी कहना है कि जब व्हाट्सऐप संदेशों को डिकोड किया गया तो कई सनसनीखेज जानकारियां सामने आईं।
पुलिस रिमांड में दिशा रवि
बता दें कि दिशा रवि इस समय दिल्ली पुलिस की रिमांड पर हैं। उनकी गिरफ्तारी के संबंध में तरह तरह के सवाल राजनीतिक दलों की तरफ से उठाए जा रहे हैं। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि यह सरकार एक निहत्थी लड़की से डर गई। लेकिन पार्टी उसकी आवाज का समर्थन करती है। इसके अलावा आम आदमी पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के मुद्दों को सामने ला रही है।