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Mumbai Ropeway: 14 मिनट में शिवड़ी से एलीफेंटा तक सफर, जल्द शुरू होगा दुनिया का सबसे बड़ा रोपवे मार्ग!

Updated Apr 04, 2022 | 22:42 IST

Mumbai Ropeway: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में शिवड़ी से एलीफेंटा तक पहुंचने को रोपवे का काम जल्द से जल्द पूरा होने की उम्मीद है। इसके शुरू होते ही एलीफेंटा तक पहुंचना आसान तो हो ही जाएगा, साथ ही समय भी काफी कम लगेगा। इससे ज्यादा से ज्यादा पर्यटक गुफाओं को देखने पहुंचेंगे।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
14 मिनट में शिवड़ी से एलीफेंटा तक सफर, रोपवे मार्ग होगा शुरू
मुख्य बातें
  • जल्द तैयार होगा शिवड़ी से एलीफेंटा पहुंचने को रोपवे का काम
  • शिवड़ी को एलीफेंटा द्वीप से जोड़ेगा 8 किलोमीटर का समुद्री रोपवे
  • तैयार होने के बाद दुनिया में सबसे बड़ा रोपवे होने का अनुमान है

Mumbai Ropeway: मुंबई पोर्ट ट्रस्ट द्वारा शिवड़ी से एलीफेंटा तक समुद्री मार्ग पर बनाया जा रहा रोपवे पर्यावरण एवं पुरातत्व विभाग से मंजूरी नहीं मिलने के कारण फिलहाल ठप है। मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के अध्यक्ष राजीव जलोटा ने दावा किया कि लगभग 8 किमी की दूरी के साथ यह रोपवे दुनिया का सबसे बड़ा समुद्री रोपवे है। मुंबई पोर्ट ट्रस्ट के अध्यक्ष राजीव जलोटा ने बताया कि इस परियोजना को पिछले चार सालों से पुरातत्व सर्वेक्षण और पर्यावरण विभाग द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है।

दूसरी ओर,परियोजना के लिए आवश्यक सभी मशीनरी तैयार है। प्रशासन ने परियोजना के लिए सबसे महत्वपूर्ण धन भी आवंटित किया है। इसलिए बंदरगाह प्रशासन इस परियोजना को मंजूरी मिलते ही इसे पूरा करने के लिए तैयार है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने परियोजना की घोषणा की थी जिससे कम समय में ज्यादा पर्यटक एलीफेंटा की यात्रा कर सकें। हालांकि उनके द्वारा घोषित परियोजनाओं में रोरो और वाटर टैक्सी सेवाएं शुरू हो गई हैं लेकिन इस रोपवे का काम अभी शुरू नहीं हुआ है।

नाव से तय करने में एक घंटे का लगता है समय

शिवड़ी को एलीफेंटा द्वीप से जोड़ने वाला 8 किलोमीटर का समुद्री रोपवे मौजूदा यात्री नौकाओं पर तनाव को कम करेगा। खास बात यह है कि, रोपवे मुंबई से घरापुरी के एलीफेंटा द्वीप तक महज 14 मिनट में पहुंच जाएगा। फिलहाल इस दूरी को नाव से तय करने में एक घंटे का समय लगता है। न केवल देश में बल्कि दुनिया में सबसे बड़ा रोपवे होने का अनुमान है। इस परियोजना पर लगभग 700 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। हालांकि, पोर्ट ट्रस्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, लालफीताशाही की कीमत 1,000 करोड़ रुपये की ओर बढ़ रही है। 

यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित

फिर दोगुनी हो जाएगी यात्रियों की संख्या मुंबई के दूसरी ओर स्थित एलीफेंटा लेनी को 1987 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था। इन गुफाओं में रोजाना करीब चार से पांच हजार पर्यटक आते हैं। पोर्ट ट्रस्ट प्रशासन का अनुमान है कि, रोपवे शुरू होते ही एलीफेंटा आने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़कर 12,000 हो जाएगी। परियोजना की विशेषताएं क्या हैं ? परियोजना की अनुमानित लागत 700 करोड़ रुपये है। शिवडी से एलीफेंटा द्वीप तक इस रोपवे के लिए समुद्र में 10 से 12 टावर बनाने की जरूरत है। प्रत्येक टावर की लंबाई 50 से 150 मीटर होगी। खास बात है कि माल और यात्री जहाजों के मार्ग को बदलने की जरूरत नहीं होगी।

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