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Health ID :आधार की तरह अब बनेगा हेल्थ कार्ड, जानें क्या होंगे फायदे

Updated Sep 21, 2021 | 18:32 IST

Health ID Registration, Benefits, Application Form Online: हेल्थ कार्ड 14 अंकों वाला एक पहचान होगा। जिसमें किसी भी व्यक्ति का पूरा हेल्थ रिकॉर्ड सेव होगा।

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सरकार जल्द ही डिजिटल हेल्थ कार्ड लांच कर सकती है
मुख्य बातें
  • डॉक्टर को केवल हेल्थ कार्ड के 14 नंबर बताने होंगे। इसके बाद उसे मरीज की हेल्थ संबंधी सारी जानकारी मिल जाएगी।
  • डॉक्टर, अस्पताल या लैब को हेल्थ रिकॉर्ड शेयर करने के लिए पासवर्ड या ओटीपी जैसा विकल्प कार्डधारक के पास रहेगा।
  • UPI की तरह सरकार UHI (यूनीफाइड हेल्थ इंटरफेस) तैयार करना चाहती है।

Health Card Registration, Benefits: अब जल्द ही आपका हेल्थ कार्ड सरकार बनाएगी। यह आईडी कार्ड, आधार की तरह होगा। जिसमें किसी व्यक्ति की 14 अंकों वाली एक पहचान होगी। इसके तहत किसी भी व्यक्ति का पूरा हेल्थ रिकॉर्ड सेव होगा। जिसमें कार्ड धारक की मेडिकल हिस्ट्री, उसके द्वारा ली जा रही दवाएं, डॉक्टर, अस्पताल, लैब और केमिस्ट तक की जानकारी मौजूद रहेगी। शुरूआत में सरकार ने छह राज्यों में पॉयलट प्रोजेक्ट के तहत हेल्थ आईडी कार्ड बनाना शुरू भी कर दिया है। पायलट प्रोजेक्ट पिछले साल अंडमान-निकोबार, चंडीगढ़, दादर नागर हवेली, दमनदीव, लद्दाख और लक्षद्वीप में शुरू किया गया था।

क्या है हेल्थ आईडी कार्ड

14 अंकों वाले इस कार्ड में किसी व्यक्ति की हेल्थ की सारी जानकारियां मौजूद रहेंगी। ऐसे में दूसरे राज्य या शहर में जाने पर भी, मेडिकल रिपोर्ट्स साथ ले जाने की जरूरत नहीं रह जाएगी। बस आपको अस्पताल या डॉक्टर को अपने हेल्थ आईडी कार्ड के 14 नंबर बताने होंगे। इसके बाद आपकी हेल्थ संबंधी सारी जानकारी डॉक्टर को मिल जाएगी। हेल्थ कार्ड में पूरी मेडिकल हिस्ट्री अपडेट होगी। इसका फायदा यह होगा कि आपको अपने हेल्थ संबंधी डॉक्यूमेंट्स को सहेज कर रखने की जरूरत नहीं रह जाएगी। सारी जानकारी डिजिटल फॉर्म में उपलब्ध होगी।

कैसे बनेगा हेल्थ कार्ड


मोदी सरकार नेशनल डिजिटल मिशन के तहत इस तरह का हेल्थ कार्ड बनाएगी। इसके तहत यूपीआई (यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस) की तरह एक यूएचआई (यूनीफाइड हेल्थ इंटरफेस) होगा। नेशनल हेल्थ अथॉरिटी से मिली जानकारी के अनुसार यूएचआई, मरीज, अस्पताल, लैब, केमिस्ट के लिए एक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का काम करेगा। जहां पर सभी तरह की हेल्थ सर्विस डिजिटल रुप में मिलेगी। इसे ऐप या फिर कॉमन सेंटर सहित दूसरी एजेंसियों के जरिए बनवाया जा सकेगा।

अनिवार्य नहीं होगा

जिस तरह सरकार डिजिटल लॉकर की सुविधा दे रही है। वैसे ही हेल्थ आईडी भी अनिवार्य नहीं होगी। जो भी व्यक्ति चाहेगा, वह अपनी हेल्थ आईडी जेनरेट कर सकेगा। इसी तरह व्यक्ति की इच्छा पर ही डाटा शेयर किया जा सकेगा। ऐसे में डॉक्टर, अस्पताल या लैब को हेल्थ रिकॉर्ड शेयर करने के लिए पासवर्ड या ओटीपी जैसा विकल्प कार्डधारक के पास रहेगा। ऐसी संभावना है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही हेल्थ कार्ड को लांच कर सकते हैं।