- कंपनियों में मानसिक स्वास्थ्य हेल्प डेस्क बनाने का निर्देश
- 10 लाख से अधिक कर्मचारियों की काउंसलिंग करना होगा अनिवार्य
- नोएडा में 20 हजार से ज्यादा कंपनियां
Noida News: आम से लेकर खास तक, हर किसी की जिंदगी में तनाव ऐसी चीज है जो लोगों को हमेशा से परेशान करता रहा है। यह तनाव काम से लेकर अपनी जरूरतें पूरी करने सहित किसी भी चीज को लेकर हो सकता है। हालांकि तनाव की सबसे ज्यादा समस्या काम को लेकर लोगों में ज्यादा होती है। ऐसे में नोएडा प्रशासन ने लोगों को कार्यस्थल पर तनाव मुक्त करने के लिए खास पहल शुरू करने का फैसला किया है।
नौकरीपेशा वर्ग के लोगों की चिंता कम करने के लिए प्रशासन जल्द करीब 20 हजार कंपनियों को अपने यहां मानसिक स्वास्थ्य हेल्प डेस्क बनाने का निर्देश दे सकता है। बीते कुछ सालों में वयस्कों के अंदर नौकरी को लेकर तनाव और चिंताएं ज्यादा देखने को मिली है।
कंपनियों को मानसिक स्वास्थ्य हेल्प डेस्क बनाने के निर्देश
इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग ने नोएडा में चल रही हैं करीब 20 हजार कंपनियों को मानसिक स्वास्थ्य हेल्प डेस्क बनाने के निर्देश देगा। इस पर प्रशासन ने कहा है कि, यह प्रस्ताव औद्योगिक गतिविधियों में कार्यक्षमता को बेहतर बनाने में काम करेगा। साथ ही युवा तनाव मुक्त रह सकेंगे। प्रशासन के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग ने इसको लेकर पूरा प्रस्ताव तैयार कर लिया है और जिला स्वास्थ्य समिति (डीएचएस) की मीटिंग में इसे पेश किया जाएगा। प्रस्ताव पर जिलाधिकारी की मंजूरी के बाद नोएडा के कार्य स्थलों पर 10 लाख से अधिक कर्मचारियों की काउंसलिंग करना अनिवार्य हो जाएगा।
नोएडा में है 20 हजार से ज्यादा कंपनियां
इस बाबत स्वास्थ्य विभाग की जिला सलाहकार डॉ. श्वेता खुराना ने कहा है कि, कोरोना महामारी की वजह से लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा है। इससे पीड़ित मरीजों की संख्या में तेजी देखने को मिली है। नोएडा में 20 हजार से ज्यादा कंपनियां हैं, जिसमें करीब दस लाख से ज्यादा लोग काम करते हैं। इनमें सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं। इन सभी के मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए नियमित काउंसलिंग को अनिवार्य करने के मकसद से एक प्रस्ताव डीएचएस के समक्ष रखा जाएगा। प्रस्ताव पास होने के बाद स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञ कंपनियों के हेल्प डेस्क प्रतिनिधियों को ट्रेनिंग देंगे।