- गांधी मैदान स्थित करगिल चौक पर ऑटो भाड़ा लेकर हुआ था विवाद
- सिपाही और दारोगा को भी अपनी वर्दी की दिखा रहा था धौंस
- दारोगा को आई कार्ड दिखाया, जिसमें डीजीपी का साइन नहीं था और खुल गई पोल
Patna Fake DSP: एक साल से डीएसपी बनकर पटना में वर्दी का रौब जमा रहे डॉक्टर के बेटे की पोल बुधवार की देर रात खुल गई। शहर के गांधी मैदान स्थित करगिल चौक पर ऑटो चालक से भाड़े को लेकर पांच रुपए का विवाद उसे महंगा पड़ गई। मधुबनी जिले के आंधामठ गांव निवासी विजय कुमार भारती ने पटना में बीपीएससी की तैयारी महीनों तक की थी। फिर चयन नहीं होने पर उसने अपने परिवार वालों को बताया कि वह पटना में बतौर डीएसपी कार्यरत है।
एक साल पहले ही उसने वर्दी सिलवाई थी। नकली बैज एवं आईकार्ड बनाया था। फिर डीएसपी बनकर वसूली करने लगा था। बुधवार की रात गांधी मैदान दारोगा प्रमोद कुमार ने उसके फर्जीवाड़े को पकड़ लिया, जिसके बाद उसकी पूरी पोल खुल गई।
बहन के घर से मिली वर्दी, बैज एवं अन्य चीजें
गांधी मैदान थाने में विजय कुमार भारती से पूछताछ की गई। इसमें उसने पूरी सच्चाई उगल दी। इसके बाद पुलिस ने शास्त्री नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत देवी स्थान गली में रहने वाली उसकी बहन के घर से डीएसपी की वर्दी, बैज, आईकार्ड, मुहर, टोपी समेत पुलिस से जुड़े कई सामान बरामद की। टाउन डीएसपी अशोक कुमार का कहना है कि, विजय कुमार भारती के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
शादी करने वाला था विजय
विजय फर्जी डीएसपी बनकर एक महिला अधिकारी से शादी भी करने वाला था। उसने शादी के लिए मैट्रिमोनियल साइट पर बायोडाटा डाल रखा था। इसमें खुद को आईपीएस बताया था। इतना ही अपने गांव पुलिस की वर्दी पहनकर आता-जाता था। उसके गांव के लोगों और परिजनों को विजय पर विश्वास हो गया था। अपने जिले मधुबनी में अनुमंडल पदाधिकारी समेत कई थानों में वह डीएसपी बनकर जा चुका था। हालांकि तब वह पकड़ा नहीं गया था।
विजय की बहन के घर से यह सब भी मिला
फर्जी डीएसपी विजय की बहन के घर से दो खाकी पैंट, खादी के दो सोल्डर बैज, एक उलेन सोल्डर बैज, इस डीएसपी लिखा था। बीपीएस के बैज लगी दो नीले रंग की टोपी, खाकी वर्दी की दो शर्ट, बीपीएस का बैज लगा एक खाकी रंग का बेल्ट, नीले रंग का तीन विसिल कोड, विजय कुमार भारती लिखा पांच नेम प्लेट, डायरेक्ट ऑफ बोर्ड न्यू दिल्ली एक गोल मुहर, डीजीपी ऑफ बिहार के नाम की एक मुहर, एक स्टांप पैड आदि मिले हैं।