पटना : बिहार की पांच विधानसभा सीटों पर कांग्रेस की राज्य इकाई के अपने "मजबूत" उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की बात करने के साथ ही विपक्षी महागठबंधन में संकट गहरा गया है। इन पांचों सीटों पर अगले महीने उपचुनाव होने वाले हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के बिहार के प्रभारी सचिव वीरेंद्र राठौर ने गुरुवार को कहा कि 25 सितम्बर को पार्टी की राज्य चुनाव समिति की बैठक के दौरान नेताओं ने विचार व्यक्त किया गया कि सभी पांच सीटों के लिए हमारे पास मजबूत उम्मीदवार हैं। उन्होंने कहा कि संभावित उम्मीदवारों की सूची भी तैयार कर ली गई है और हम उसे पार्टी के आलाकमान को अंतिम रूप से स्वीकृति देने के लिए आगे बढ़ाएंगे।
समस्तीपुर संसदीय सीट लोजपा सांसद रामचंद्र पासवान का हाल में निधन होने के कारण खाली हुई थी वहीं नाथनगर, किशनगंज, सिमरी बख्तियारपुर, दरौंदा और बेलहर विधानसभा सीट यहां के विधायकों के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने पर रिक्त हुई है। बिहार में पांच दलों के विपक्षी महागठबंधन का नेतृत्व कर रही लालू प्रसाद की पार्टी आरजेडी नाथनगर, सिमरी बख्तियारपुर और बेलहर सीट पर अपने उम्मीदवार उतारने का विचार कर रही है वहीं पार्टी ने कहा था कि दारौंदा के लिए उम्मीदवार की घोषणा जल्द की जाएगी।
गौरतलब है कि आरजेडी के इस एकतरफा फैसले से नाराज बुधवार को भागलपुर पहुंचे हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने नाथनगर सीट पर अपनी पार्टी के अजय राय की उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए आरजेडी पर गठबंधन धर्म का पालन नहीं करने का आरोप लगाया था। मांझी ने आरजेडी पर यह भी आरोप लगाया था कि वह ऐसा करके भाजपा को मदद कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया था कि उनकी पार्टी के उम्मीदवार नामांकन के अंतिम दिन 30 सितंबर को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।
वहीं महागठबंधन में शामिल पूर्व बॉलीवुड सेट डिजाइनर और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी ने बुधवार को कहा, हम सिमरी बख्तियारपुर से मैदान में उतरेंगे। उम्मीदवार की जल्द ही घोषणा की जाएगी और नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 28 सितंबर को होगी। हम नाथनगर में मांझी के उम्मीदवार का भी समर्थन करेंगे। हम अन्य सभी सीटों पर महागठबंधन के अन्य सहयोगी दलों के उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे जहां उपचुनाव निर्धारित हैं। महागठबंधन में शामिल पांचवें दल पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा ने अभी तक अपना पत्ता नहीं खोला है।
इस बीच लालू के छोटे पुत्र तेजस्वी यादव ने कहा है कि कांग्रेस को अपने रुख की समीक्षा करने के लिए राजी किया जाएगा। आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि राजनीति में कुछ भी खत्म नहीं होता है। संभावनाएं बनी रहती हैं। कांग्रेस हमारी पुरानी सहयोगी है। हम उनके नेताओं के साथ मतभेदों को सुलझाएंगे और एकजुट मोर्चा बनाएंगे।
आरजेडी के दूसरे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कांग्रेस के इस कदम पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए उसे अपने रुख पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। आरजेडी ने अभी अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है। बिहार में एनडीए में भाजपा, जद (यू) और लोजपा शामिल है। आरजेडी ने बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 39 पर जीत हासिल कर लोकसभा चुनाव में शानदार सफलता हासिल की थी।