- सीटों पर समझौता न होने से चिराग पासवान ने एनडीए से नाता तोड़ा
- चिराग पासवान की पार्टी केंद्र में एनडीए सरकार के साथ
- बिहार में पहले चरण का चुनाव 28 अक्टूबर को होगा
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव तीन चरणों में संपन्न होगा और नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। उससे पहले सभी दल जीत के दावे कर रहे हैं।लोकजनशक्ति का रास्ता एनडीए से अलग हो चुका है। लेकिन पार्टी के अध्यक्ष बीजेपी के बारे में विरोध वाली बात ना करके चुप रहते हैं। बात इतनी ही नहीं बल्कि अपने समर्थन में बीजेपी नेताओं का जिक्र भी करते हैं जो जेडीयू को पसंद नहीं है। इस विषय पर बीजेपी के नेता पहले भी चिराग पासवान को हिदायत दे चुके हैं कि वो पीएम नरेंद्र मोदी के नाम का इस्तेमाल ना करें। लेकिन अब बीजेपी की तरफ से बड़ा बयान आया है।
'चिराग पासवान वोट कटवा'
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर का कहना है कि एनडीए दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाने जा रही है जहां तक चिराग पासवान की बात है वो अब वोट कटवा पार्टी हैं। उन्होंने कहा कि मतदाताओं को चिराग भ्रमित कर रहे हैं हमारी कोई भी बी या सी टीम नहीं है। जेडीयू के साथ हमारा संबंध अटूट है और हर एक मत एनडीए के लिए है। वो मतदाताओं से अपील करते हैं कि किसी के बहकावे में ना आएं। अपने विवेक का इस्तेमाल कर बिहार की बेहतरी के लिए मतदान करें।
क्या कहते हैं जानकार
सवाल यह है कि चिराग पासवान बीजेपी के नेताओं के नाम को इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके पीछे जानकार दिलचस्प तर्क देते हैं। उनका कहना है कि एक तो लोकजनशक्ति पार्टी भले ही बिहार में अपना अलग रास्ता अपना चुकी है लेकिन केंद्र में वो बीजेपी के साथ साझीदार है, इसके साथ ही केंद्र सरकार में वो हिस्सेदार भी है। लिहाज चिराग पासवान की तरफ उसे इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके साथ ही चिराग का चुनावी अभियान उन विधानसभाओं में तेज हैं जहां जेडीयू के उम्मीदवार हैं। चिराग पासवान यह संदेश देना चाहते हैं कि भले ही वो राज्य स्तर पर बीजेपी के साथ ना हों।लेकिन राज्य में एलजेपी के मजबूत होने से कहीं न कहीं बीजेपी को भी फायदा मिलेगा।