- बिहार में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं
- चुनाव आयोग ने इस संबंध में अभी कोई घोषणा नहीं की है
- भाजपा और जेडीयू का कहना है कि वे चुनाव के लिए तैयार हैं
नई दिल्ली: चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर शनिवार को हमला करते हुए कहा कि यह वक्त कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ने का है चुनाव लड़ने का नहीं और उन्हें विधानसभा चुनाव कराने की जल्दबाजी में लोगों की जिंदगी खतरे में नहीं डालना चाहिए।
किशोर ने ट्वीट किया, 'देश के अन्य राज्यों की तरह बिहार में भी कोरोना वायरस संक्रमण के हालात बिगड़ रहे हैं। लेकिन सरकारी तंत्र और संसाधनों का बड़ा हिस्सा चुनाव की तैयारियों में व्यस्त है।' उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जी, यह वक्त चुनाव लड़ने का नहीं, कोरोना वायरस से लड़ने का है। चुनाव कराने की जल्दबाजी में लोगों की जिंदगी खतरे में मत डालिए।
किसी वक्त कुमार के खास रहे किशोर अब उनके कटु आलोचक हैं। आलोचनाओं के चलते उन्हें जद(यू) से निष्कासित कर दिया गया था। किशोर से पहले लोजपा नेता चिराग पासवान और राजद के तेजस्वी यादव राज्य में चुनाव नहीं कराने की मांग कर चुके हैं।
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा, 'न सिर्फ बिहार, बल्कि पूरा देश कोरोना वायरस से प्रभावित है। इस महामारी ने केंद्र और बिहार के वित्त को प्रभावित किया है। इन सबके बीच चुनाव कराने से राज्य पर और अधिक वित्तीय बोझ बढ़ेगा।'
पासवान की इस टिप्पणी से सहयोगी दलों, खासतौर पर जनता दल (यूनाइटेड) और उनकी पार्टी के बीच दरार एक बार फिर उभर कर सामने आ गई है। उनकी टिप्पणी के बाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत जद(यू) ने फौरन ही प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि समय पर चुनाव होना सुशासन के हित में होगा। हालांकि, भाजपा की प्रतिक्रिया कहीं अधिक नपी-तुली आई और पार्टी ने कहा कि चुनाव कराना चुनाव आयोग का विशेषाधिकार है।
बिहार में चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने हैं लेकिन चुनाव आयोग ने इस संबंध में अभी कोई घोषणा नहीं की है।