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Bihar Flood : उफान पर नदियां, मानसून से पहले बारिश बनी आफत, सुरक्षित ठिकानों की तलाश में लोग, Pics

Updated Jun 22, 2021 | 11:14 IST

Bihar News : मानसून से पहले बिहार में हो रही बारिश से कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। गंगा, कोसी, बूढ़ी गंडक सहित कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है और वे उफान पर हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
बिहार में बारिश में नदियों का जलस्तर बढ़ा।
मुख्य बातें
  • मानसून से पहले हो रही बारिश से बिहार में कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है
  • आने वाले दिनों में बाढ़ के हालात बेकाबू हो सकते हैं, प्रशासन ने मुस्तैदी बढ़ाई
  • कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न होने पर लोग सुरक्षित इलाकों में चले गए हैं

पटना : बिहार के कई इलाकों में जारी बारिश से कई नदियां उफान पर हैं। कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। नदी के समीप रहने वाले लोगों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जाना पड़ा है। उफनाई नदियों ने इलाकों में कटाव तेज किया है। खेतों में पानी भर गया है जिससे फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। मानसून से लगातार हो रही बारिश से बिहारशरीफ के निचले इलाकों में पानी भर गया है। यहां और बारिश होने पर बाढ़ का पानी लोगों के घरों में दाखिल हो सकता है।

नदियों का जल स्तर बढ़ने से बेहाल हुई जिंदगी
राज्य में कई इलाके जलमग्न हैं। पटना, समस्तीपुर, मोतिहारी और गोपालगंज के कई इलाकों में पानी भरा है। गंगा, बूढ़ी गंडक, गंडक और कोसी का जलस्तर बढ़ने से लोगों की जिंदगी बेहाल हुई है। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गंडक नदी गत शनिवार को मुजफ्फरपुर जिले की रेवाघाट और गोपालगंज जिले के डुमरियाघाट में खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी। 

कोसी नदी का जलस्तर सुपौल जिले के बसुआ में खतरे के निशान से करीब 90 सेंटीमीटर नीचे था। नेपाल में हो रही तेज बारिश और उसकी ओर से गंडक नदी में छोड़े जा रही पानी के चलते भी राज्य में बाढ़ जैसे हालात बने हैं। 

बाढ़ का पानी घरों दाखिल होने से कई जगहों पर लोग सड़कों पर आशियाना बनाकर रहने के लिए मजबूर हैं। मौसम विज्ञान विभाग ने कुछ दिनों पहले पटना सहित कई इलाकों में भारी बारिश होने का अनुमान जताया था।

पटना में गंगा नदी उफान पर है। यहां जल स्तर इतना बढ़ गया है कि प्रशासन ने नदी में तैराकी करने एवं नावों के परिचालन पर रोक लगा दी है। 

अभी खतरे के निशान से नीचे बह रही गंगा
गंगा का जलस्तर तो बढ़ा है लेकिन अभी वह खतरे के निशान से नीचे बह रही है। लेकिन गंगा, कोसी सहित अन्य नदियों में बाढ़ का स्तर बढ़ रहा है उसे देखकर प्रशासन ने अपनी मुस्तैदी बढ़ा दी है और बाढ़ से निपटने की तैयारी तेज कर दी है। 

उत्तर भारत में अभी मानसून की बारिश नहीं हो रही है लेकिन इसके पहले बिहार की नदियां उफनाने लगी हैं। मानसून की बारिश के समय बाढ़ की स्थिति और विकराल रूप धारण कर सकती है। 

गंडक नदी का जलस्तर बढ़ा
समस्तीपुर में नदी का पानी कई क्षेत्रों में दाखिल हो गया है। यहां बेती नदी पर बना पुल पानी के तेज बहाव की चपेट में आने से बह गया। मोतिहारी में लगातार बारिश होने की वजह से यहां के एक थाने में पानी भर गया। गोपालगंज में गंडक नदी का जलस्तर भी बढ़ा हुआ है। कई इलाकों में अभी भी बाढ़ का पानी बना हुआ है। 

बिहार में हर साल आती है बाढ़
मानसून के समय बिहार में हर साल बाढ़ आती है। दूसरा बारिश के समय नेपाल की तरफ से छोड़ा जाने वाला पानी भी राज्य में बाढ़ की स्थिति को विकराल बना देता है। राज्य की करीब 76 प्रतिशत आबादी हर साल बाढ़ की समस्या का सामना करती है। इससे प्रत्येक साल फसलों को नुकसान पहुंचता हौ और सैकड़ों की संख्या में लोगों की जान जाती है। देश में हर साल बाढ़ से जितना इलाका प्रभावित होता है उसका 16.5 हिस्सा केवल बिहार से आता है। बिहार में बाढ़ से सबसे ज्यादा उत्तर इलाका प्रभावित होता है। यहां की महानंदा, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक और गंडक हर साल बड़े स्तर पर बाढ़ लाती हैं। इन सभी नदियों का उद्गम बिहार है।  
 

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