देश के कई राज्यों में कोरोना का कहर टूट रहा है देश का अहम राज्य बिहार भी इससे अछूता नहीं है और राज्य के कई जिले कोविड-19 संक्रमण से बुरी तरह से जूझ रहे हैं वहीं बिहार की राजधानी पटना का हाल भी बहुत बुरा है। पटना स्थित एम्स (Patna AIIMS) में मानों कोरोना का विस्फोट सा हुआ है मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बताया जा रहा है कि वहां पर 384 डॉक्टर और हेल्थ वर्कर्स हो चुके हैं।
ये स्थिति सामने आने से कोरोना संक्रमितों के इलाज को लेकर भारी समस्या खड़ी हो गई है क्योंकि राज्य के कई शहर कोविड संक्रमण से दो-चार हो रहे हैं और राजधानी पटना स्थित एम्स में मरीजों के इलाज का भारी दबाव है ऐसे में इलाज करने वाले डॉक्टर्स ही संक्रमित होते जा रहे है तो मरीजों का इलाज कैसे हो ये सवाल सामने आ रहा है। संक्रमण की चपेट में आने के बाद ज्यादातर डॉक्टर होम क्वारंटाइन में रह रहे हैं।
गौर हो कि प्रदेश में रात नौ बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ़्यू लगाने, स्कूल और कॉलेज 15 मई तक बंद रखे जाने के साथ-साथ आवश्यकता अनुसार धारा 144 लागू करने का अधिकार जिला प्रशासन को दिए जाने सहित कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा चुके हैं।
प्रदेश की राजधानी पटना में सबसे अधिक नए मामले
इस स्थिति के चलते ऑक्सीजन और दवा के संकट से जूझ रहे राज्य के मरीजों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गौर हो कि बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मंगलवार को राज्य में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1841 हो गई। बिहार में सोमवार अपराह्न 4 बजे से मंगलवार 4 बजे तक कोरोना वायरस संक्रमण के जो 10455 नए मामले प्रकाश में आए हैं, उनमें प्रदेश की राजधानी पटना में सबसे अधिक 2186 नये मामले सामने आए हैं।
बिहार प्रदेश में 25435956 नमूनों की जांच की जा चुकी है राज्य में कोरोना वायरस मरीजों के ठीक होने की दर 82.99 प्रतिशत है।