धाकड़ EXCLUSIVE : आपके पास 200 रुपए हैं तो आपको कोवैक्सीन मिल जाएगी। 200 रुपए हैं तो वैक्सीन लगवाने के लिए आपको कोई कागजात नहीं देना होगा। 200 रुपये हैं तो आपको कोविन ऐप में अपने आपको रजिस्टर भी नहीं कराना होगा। आपके पास 200 रुपए हैं तो पोर्टल पर आपका नाम वैक्सीन लेने वालों की लिस्ट में जुड़ जाएगा। जी हां ये सब हो रहा है। नीतीश कुमार के राज में। जो वैक्सीन जनता को मुफ्त में दी जानी चाहिए। उस वैक्सीन को 200 रुपए में बेचा जा रहा है। देखिए बिहार के हाजीपुर से हमारी ये EXCLUSIVE रिपोर्ट।
हम हाजीपुर के सदर अस्पताल में खड़े हैं और हमारे पास इनपुट हैं कि ऐसे लोग हैं जो कानून को दरकिनार कर रहे हैं और जब टीके उपलब्ध कराने की बात आती है तो नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। इसलिए, हम एक ऐसे व्यक्ति को ट्रैक कर रहे हैं जो 'कैश फॉर फ्री वैक्सीन' रैकेट में लिप्त है। उसका नाम उमेश है और वो डाटा एंट्री ऑपरेटर है। उसने हमसे पैसे के बदले कोवैक्सीन की खुराक देने का वादा किया है।
बिहार के सरकारी अस्पताल में फ्री वैक्सीन का पैसों के लेन-देन पर सौदा हो रहा है। जिसे टाइम्स नाउ नवभारत की टीम ने कैमरे पर रिकॉर्ड करने का फैसला किया। हमारी टीम में रिपोर्टर और एक नकली सुपरवाइजर है। जिसे कोवैक्सीन की सेकेंड डोज दिलाने हम हाजीपुर के सदर हॉस्पिटल पहुंचे और वहां मिले सदर हॉस्पिटल का डेटा एंट्री ऑपरेटर मुकेश से जो पैसों के बदले वैक्सीन देने को तैयार हो गया। मुकेश से 27 लोगों को सेकेंड डोज देने की बात शुरू हुई।
रिपोर्टर - क्या हाल है उमेश जी?
उमेश -थोड़ा तबीयत खराब है
रिपोर्टर - आपकी भी...ये हमारा सुपरवाइजर है
रिपोर्टर - ये उमेश जी हैं, इनको कोवैक्सीन का पहला डोज लग चुका है, इनको दूसरा डोज देना है। यही आपके पास आकर लेन-देन का काम कर लेंगे।
उमेश - कोवैक्सीन की डोज मिलना तो बड़ा मुश्किल है
रिपोर्टर - अच्छा
उमेश - हां
रिपोर्टर - अब एक डोज कोवैक्सीन का इनको लगा हुआ है, वही दे दीजिए। कुछ ऊपर नीचे होगा तो देख लिया जाएगा, क्या करेगा आदमी
उमेश हॉस्पिटल के अंदर किसी को फोन करता है...उससे पूछता है कि कोवैक्सीन के स्टॉक की क्या स्थिति है...
उमेश - क्या रे...कोवैक्सीन कितना है? नहीं है क्या? ठीक है
फोन पर उमेश को दूसरा व्यक्ति बताता है कि कोवैक्सीन की डोज का स्टॉक खत्म है...
रिपोर्टर - कोवैक्सीन की डोज नहीं है?
उमेश - 20 आदमी जुटेगा तो मिल जाएगा
रिपोर्टर - बात तो आप ठीक कह रहे हैं
उमेश यहां कहता है कि 20 आदमी हो जाएंगे तो कोवैक्सीन मिल जाएगी...एक व्यक्ति के लिए उमेश मना कर देता है...और कहता है कि 20 से ज्यादा लोग होंगे तो कोवैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी...यानी ज्यादा लोग तो ज्यादा पैसा...अब आगे...
रिपोर्टर - हम सोचे कि यहीं के लोकल लड़के से आपको मिला देता हूं, आपका नंबर दे देता हूं। आप मिल लिए ना इनसे? अब अपना काम हो जाएगा, कैसे कैसे किया जाएगा?
उमेश - अब इनका रहा तो पैसा तो पूरा लगता है, हालांकि हम तो उपाय कर ही लेंगे शाम को, 7 बजे या कल सुबह भी आएंगे तो हम इनको वैक्सीन दे देंगे।
रिपोर्टर - ठीक है
उमेश - ठीक है...नाम भी पोर्टल पर दर्ज हो जाएगा
रिपोर्टर - पोर्टल पर भी दर्ज हो जाएगा
उमेश - हां दर्ज हो जाएगा...अब यहां बात कर्मचारी की, तो कर्मचारी कैसे लेकर आएगा
रिपोर्टर - कर्मचारी इन्हीं के साथ आएंगे, आप जैसे बोलेंगे वैसे आ जाएंगे ऐसी कोई बात नहीं है
उमेश - टोटल एक साथ आएंगे या 5-5 करके आएंगे
रिपोर्टर - जैसा आप कहेंगे वैसा ही कर लेंगे, आप कहेंगे तो टोटल (सभी) एक साथ आ जाएंगे
उमेश - टोटल कितने लोग हैं
रिपोर्टर - टोटल 27 लोग हैं...27 लोग
उमेश - 27 लोग हैं
हमारे रिपोर्टर ने सदर हॉस्पिटल के डेटा एंट्री ऑपरेटर उमेश को बताया कि कुल 27 लोगों को वैक्सीन दी जानी है। उमेश तैयार हो गया। तैयार इस बात पर हुआ कि प्रति डोज वो 200 रुपये चार्ज करेगा जबकि देश भर में सरकारी अस्पतालों को सरकार वैक्सीन मुफ्त दे रही है। वैक्सीन के बदले पैसों का हिसाब किताब शुरू हुआ।
रिपोर्टर - 200 का रेट आपने बताया था ना...तो 27 लोगों का कितना हो जाएगा, 27 गुना 2 कितना हुआ
उमेश - नंबर ले लीजिए आप
रिपोर्टर - नंबर लिखिए आप
उमेश - सुबह 8 बजे...7 बजे एक बार फोन कर लीजिएगा मुझे, एक आदमी बात कर लेगा 8 साढ़े 8 बाद...बता दीजिएगा कि हम इतने आदमी आ रहे हैं ठीक है ना
फोन पर रिपोर्टर - सर से बात हो गई है, क्या करना है, कुछ एडवांस देना है
उमेश - सब समाने ही है, ये सब तो लेकर आएंगे ही
रिपोर्टर - इनसे आप लेते रहिएगा, हम दे देते हैं, आपके पास रहेगा मतलब हमारा आपका व्यवहार बाकी है
यहां एडवांस में पैसे देने की बात की जा रही है...उमेश ने भी हामी भर दी कि एक व्यक्ति को आज शाम तक कोवैक्सीन की डोज दे दी जाएगी और बाकी लोगों को कल वैक्सीन की डोज दी जाएगी...उमेश ने कुछ देर पहले फोन पर पूछने के बाद कहा था कि कोवैक्सीन की डोज खत्म हो चुकी है...तो अब सवाल ये है कि रिपोर्टर के साथ सुपरवाइजर बन कर गए व्यक्ति को उमेश शाम तक कोवैक्सीन का डोज कैसे देगा...
रिपोर्टर - इनको शाम तक लग जाएगी और बाकी लोगों को ये लेकर आ जाएंगे
उमेश - क्या है कि अभी 10 आदमी को वैक्सीन देना है...कोवैक्सीन है...ठीक है...उसी में से एक डोज बचा लेंगे...इनको दे देंगे...आज दे देंगे या सुबह दे देंगे...शाम को या सुबह दे देंगे...इनका तो क्लीयर हो जाएगा...कनफर्म है कि हो गया काम...अब कल की बात...कितने आदमी आ रहे हैं 5 आदमी आ रहे हैं या 10 आदमी आ रहे हैं
रिपोर्टर - नहीं...आप जितने बोलेंगे उतने आ जाएंगे...हमको लगता है कि 5-5 आदमी ठीक है
सुपरवाइजर - 5-5 में दिक्कत नहीं होती...सब लोग नौकरी पर 8 बजे 9 बजे के बाद ही जाते हैं...तो सुबह तो सब आ ही सकते हैं...सब मेरे कॉन्टेक्ट में हैं सुबह पूरे 20 आ जाएंगे
उमेश - सुबह 9 सवा 9 बजे हम लोग पहुंच जाएंगे और 10 बजे आपका वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा...आपको 9 बजे आ जाना होगा...वहां पर ही आना होगा
रिपोर्टर - बहुत ज्यादा भीड़ है...अभी हम एक (1000 रुपये)कर देते हैं ठीक है
उमेश - एक पैड पर सबका नाम...एक अंदाज से सबका डेट ऑफ बर्थ...सबका नाम दे देना...हम सबका बना लेंगे।
और वैक्सीन की डील उमेश के साथ पूरी हो गई। हमारे रिपोर्टर ने बतौर एडवांस 1000 रुपये उमेश के दिए। उमेश ने 1000 रुपये जेब में रखे और वादा किया कि सुपवाइजर को आज कोवैक्सीन और बाकी लोगों को कल वैक्सीन का डोज सुबह 10 बजे दे दिया जाएगा।
ये नीतीश कुमार का वही बिहार है। जहां कुछ दिन पहले वैक्सीनेशन पर एक घोटाला सामने आया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर प्रियंका चोपड़ा जैसे कई प्रभावशाली लोगों ने बिहार आकर वैक्सीन लगवाई और अब नीतीश कुमार के उसी बिहार में जो वैक्सीन जनता को मुफ्त दी जानी चाहिए। उसे पैसों के बदले बेचा जा रहा है और नीतीश प्रशासन पूरी तरह से बेपरवाह है।
ये बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय है। 10 जनवरी से शुरू हुई प्रिकॉशनरी वैक्सीन डोज की निगरानी में निकले हैं। और बेहद खुश है कि बिहार में प्रिकॉशनरी डोज दी जा रही है। लेकिन जब इनसे वैक्सीन पर हो रही धांधली और भ्रष्टाचार पर सवाल पूछा गया तो ये पूरी तरह बेपरवाह निकले।
बिहार में यही हो रहा है। 200 रुपए में वो वैक्सीन बिक रही है जिसे फ्री में दिया जाना चाहिए। बिहार के अस्पताल में भ्रष्टाचार का बोलबाला है और बिहार में नीतीश कुमार सरकार पूरी तरह से बेपरवाह है। खैर बिहार में विपक्ष में बैठे राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने वैक्सीन पर चल रहे इस भ्रष्टाचार पर चिंता जाहिर की और बिहार की जनता की जान से खिलवाड़ पर नाराजगी भी दिखाई।
टाइम्स नाउ नवभारत ने सदर हॉस्पिटल में हो रही धांधली की जानकारी बिहार के स्वास्थ्य विभाग तक पहुंचाई। कर्रवाई के वादे कर दिए जाते हैं लेकिन आम तौर पर एक्शन दिखाई नहीं देता और यही वजह है कि घोटाले पर घोटाले होते रहते हैं और सरकार अपनी ही पीठ थपथपाने से बाज नहीं आती। आरजेडी ने सरकार के दावों पर तीखा हमला किया और सदर हॉस्पिटल में वैक्सीन बेचे जाने पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
हम हाजीपुर के सदर अस्पताल में खड़े हैं और हमारे पास इनपुट हैं कि ऐसे लोग हैं जो कानून को दरकिनार कर रहे हैं और जब टीके उपलब्ध कराने की बात आती है तो नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। इसलिए, हम एक ऐसे व्यक्ति को ट्रैक कर रहे हैं जो 'कैश फॉर फ्री वैक्सीन' रैकेट में लिप्त है। उसका नाम उमेश है और वो डाटा एंट्री ऑपरेटर है। उसने हमसे पैसे के बदले कोवैक्सीन की खुराक देने का वादा किया है।
रिपोर्टर - क्या हाल है उमेश जी?
उमेश -थोड़ा तबीयत खराब है
रिपोर्टर - आपकी भी...ये हमारा सुपरवाइजर है
रिपोर्टर - ये उमेश जी हैं, इनको कोवैक्सीन का पहला डोज लग चुका है, इनको दूसरा डोज देना है। यही आपके पास आकर लेन-देन का काम कर लेंगे।
उमेश - कोवैक्सीन की डोज मिलना तो बड़ा मुश्किल है
रिपोर्टर - अच्छा
उमेश - हां
रिपोर्टर - अब एक डोज कोवैक्सीन का इनको लगा हुआ है, वही दे दीजिए। कुछ ऊपर नीचे होगा तो देख लिया जाएगा, क्या करेगा आदमी
उमेश - क्या रे...कोवैक्सीन कितना है? नहीं है क्या? ठीक है
फोन पर उमेश को दूसरा व्यक्ति बताता है कि कोवैक्सीन की डोज का स्टॉक खत्म है...
रिपोर्टर - कोवैक्सीन की डोज नहीं है?
उमेश - 20 आदमी जुटेगा तो मिल जाएगा
रिपोर्टर - बात तो आप ठीक कह रहे हैं
रिपोर्टर - हम सोचे कि यहीं के लोकल लड़के से आपको मिला देता हूं, आपका नंबर दे देता हूं। आप मिल लिए ना इनसे? अब अपना काम हो जाएगा, कैसे कैसे किया जाएगा?
उमेश - अब इनका रहा तो पैसा तो पूरा लगता है, हालांकि हम तो उपाय कर ही लेंगे शाम को, 7 बजे या कल सुबह भी आएंगे तो हम इनको वैक्सीन दे देंगे।
रिपोर्टर - ठीक है
उमेश - ठीक है...नाम भी पोर्टल पर दर्ज हो जाएगा
रिपोर्टर - पोर्टल पर भी दर्ज हो जाएगा
उमेश - हां दर्ज हो जाएगा...अब यहां बात कर्मचारी की, तो कर्मचारी कैसे लेकर आएगा
रिपोर्टर - कर्मचारी इन्हीं के साथ आएंगे, आप जैसे बोलेंगे वैसे आ जाएंगे ऐसी कोई बात नहीं है
उमेश - टोटल एक साथ आएंगे या 5-5 करके आएंगे
रिपोर्टर - जैसा आप कहेंगे वैसा ही कर लेंगे, आप कहेंगे तो टोटल (सभी) एक साथ आ जाएंगे
उमेश - टोटल कितने लोग हैं
रिपोर्टर - टोटल 27 लोग हैं...27 लोग
उमेश - 27 लोग हैं
रिपोर्टर - 200 का रेट आपने बताया था ना...तो 27 लोगों का कितना हो जाएगा, 27 गुना 2 कितना हुआ
उमेश - नंबर ले लीजिए आप
रिपोर्टर - नंबर लिखिए आप
उमेश - सुबह 8 बजे...7 बजे एक बार फोन कर लीजिएगा मुझे, एक आदमी बात कर लेगा 8 साढ़े 8 बाद...बता दीजिएगा कि हम इतने आदमी आ रहे हैं ठीक है ना
फोन पर रिपोर्टर - सर से बात हो गई है, क्या करना है, कुछ एडवांस देना है
उमेश - सब समाने ही है, ये सब तो लेकर आएंगे ही
रिपोर्टर - इनसे आप लेते रहिएगा, हम दे देते हैं, आपके पास रहेगा मतलब हमारा आपका व्यवहार बाकी है
रिपोर्टर - इनको शाम तक लग जाएगी और बाकी लोगों को ये लेकर आ जाएंगे
उमेश - क्या है कि अभी 10 आदमी को वैक्सीन देना है...कोवैक्सीन है...ठीक है...उसी में से एक डोज बचा लेंगे...इनको दे देंगे...आज दे देंगे या सुबह दे देंगे...शाम को या सुबह दे देंगे...इनका तो क्लीयर हो जाएगा...कनफर्म है कि हो गया काम...अब कल की बात...कितने आदमी आ रहे हैं 5 आदमी आ रहे हैं या 10 आदमी आ रहे हैं
रिपोर्टर - नहीं...आप जितने बोलेंगे उतने आ जाएंगे...हमको लगता है कि 5-5 आदमी ठीक है
सुपरवाइजर - 5-5 में दिक्कत नहीं होती...सब लोग नौकरी पर 8 बजे 9 बजे के बाद ही जाते हैं...तो सुबह तो सब आ ही सकते हैं...सब मेरे कॉन्टेक्ट में हैं सुबह पूरे 20 आ जाएंगे
उमेश - सुबह 9 सवा 9 बजे हम लोग पहुंच जाएंगे और 10 बजे आपका वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा...आपको 9 बजे आ जाना होगा...वहां पर ही आना होगा
रिपोर्टर - बहुत ज्यादा भीड़ है...अभी हम एक (1000 रुपये)कर देते हैं ठीक है
उमेश - एक पैड पर सबका नाम...एक अंदाज से सबका डेट ऑफ बर्थ...सबका नाम दे देना...हम सबका बना लेंगे।
रिपोर्टर - क्या हाल है उमेश जी?
उमेश -थोड़ा तबीयत खराब है
रिपोर्टर - आपकी भी...ये हमारा सुपरवाइजर है
रिपोर्टर - ये उमेश जी हैं, इनको कोवैक्सीन का पहला डोज लग चुका है, इनको दूसरा डोज देना है। यही आपके पास आकर लेन-देन का काम कर लेंगे।
उमेश - कोवैक्सीन की डोज मिलना तो बड़ा मुश्किल है
रिपोर्टर - अच्छा
उमेश - हां
रिपोर्टर - अब एक डोज कोवैक्सीन का इनको लगा हुआ है, वही दे दीजिए। कुछ ऊपर नीचे होगा तो देख लिया जाएगा, क्या करेगा आदमी
उमेश - क्या रे...कोवैक्सीन कितना है? नहीं है क्या? ठीक है
फोन पर उमेश को दूसरा व्यक्ति बताता है कि कोवैक्सीन की डोज का स्टॉक खत्म है...
रिपोर्टर - कोवैक्सीन की डोज नहीं है?
उमेश - 20 आदमी जुटेगा तो मिल जाएगा
रिपोर्टर - बात तो आप ठीक कह रहे हैं
रिपोर्टर - हम सोचे कि यहीं के लोकल लड़के से आपको मिला देता हूं, आपका नंबर दे देता हूं। आप मिल लिए ना इनसे? अब अपना काम हो जाएगा, कैसे कैसे किया जाएगा?
उमेश - अब इनका रहा तो पैसा तो पूरा लगता है, हालांकि हम तो उपाय कर ही लेंगे शाम को, 7 बजे या कल सुबह भी आएंगे तो हम इनको वैक्सीन दे देंगे।
रिपोर्टर - ठीक है
उमेश - ठीक है...नाम भी पोर्टल पर दर्ज हो जाएगा
रिपोर्टर - पोर्टल पर भी दर्ज हो जाएगा
उमेश - हां दर्ज हो जाएगा...अब यहां बात कर्मचारी की, तो कर्मचारी कैसे लेकर आएगा
रिपोर्टर - कर्मचारी इन्हीं के साथ आएंगे, आप जैसे बोलेंगे वैसे आ जाएंगे ऐसी कोई बात नहीं है
उमेश - टोटल एक साथ आएंगे या 5-5 करके आएंगे
रिपोर्टर - जैसा आप कहेंगे वैसा ही कर लेंगे, आप कहेंगे तो टोटल (सभी) एक साथ आ जाएंगे
उमेश - टोटल कितने लोग हैं
रिपोर्टर - टोटल 27 लोग हैं...27 लोग
उमेश - 27 लोग हैं
रिपोर्टर - 200 का रेट आपने बताया था ना...तो 27 लोगों का कितना हो जाएगा, 27 गुना 2 कितना हुआ
उमेश - नंबर ले लीजिए आप
रिपोर्टर - नंबर लिखिए आप
उमेश - सुबह 8 बजे...7 बजे एक बार फोन कर लीजिएगा मुझे, एक आदमी बात कर लेगा 8 साढ़े 8 बाद...बता दीजिएगा कि हम इतने आदमी आ रहे हैं ठीक है ना
फोन पर रिपोर्टर - सर से बात हो गई है, क्या करना है, कुछ एडवांस देना है
उमेश - सब समाने ही है, ये सब तो लेकर आएंगे ही
रिपोर्टर - इनसे आप लेते रहिएगा, हम दे देते हैं, आपके पास रहेगा मतलब हमारा आपका व्यवहार बाकी है
रिपोर्टर - इनको शाम तक लग जाएगी और बाकी लोगों को ये लेकर आ जाएंगे
उमेश - क्या है कि अभी 10 आदमी को वैक्सीन देना है...कोवैक्सीन है...ठीक है...उसी में से एक डोज बचा लेंगे...इनको दे देंगे...आज दे देंगे या सुबह दे देंगे...शाम को या सुबह दे देंगे...इनका तो क्लीयर हो जाएगा...कनफर्म है कि हो गया काम...अब कल की बात...कितने आदमी आ रहे हैं 5 आदमी आ रहे हैं या 10 आदमी आ रहे हैं
रिपोर्टर - नहीं...आप जितने बोलेंगे उतने आ जाएंगे...हमको लगता है कि 5-5 आदमी ठीक है
सुपरवाइजर - 5-5 में दिक्कत नहीं होती...सब लोग नौकरी पर 8 बजे 9 बजे के बाद ही जाते हैं...तो सुबह तो सब आ ही सकते हैं...सब मेरे कॉन्टेक्ट में हैं सुबह पूरे 20 आ जाएंगे
उमेश - सुबह 9 सवा 9 बजे हम लोग पहुंच जाएंगे और 10 बजे आपका वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा...आपको 9 बजे आ जाना होगा...वहां पर ही आना होगा
रिपोर्टर - बहुत ज्यादा भीड़ है...अभी हम एक (1000 रुपये)कर देते हैं ठीक है
उमेश - एक पैड पर सबका नाम...एक अंदाज से सबका डेट ऑफ बर्थ...सबका नाम दे देना...हम सबका बना लेंगे।