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Patna Green Energy News: पटना में अब हरित ऊर्जा को मिलेगा प्रोत्साहन, सरकारी भवनों में होगा उपयोग

Updated May 21, 2022 | 13:28 IST

Patna Green Energy News: राजधानी में अब हरित ऊर्जा के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है। इसकी शुरुआत सरकारी कार्यालयों से की जा रही है। पटना के अलावा राजगीर और बोधगया में भी प्रमुख सरकारी कार्यालयों में हरित ऊर्जा की आपूर्ति की जाएगी।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
पटना में सरकारी भवनों में हरित ऊर्जा का होगा इस्तेमाल (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
  • सरकारी भवनों में हरित ऊर्जा की आपूर्ति करने वाला पहला राज्य बनेगा बिहार
  • पटना, राजगीर और बोधगया में सरकार कर रही शुरुआत
  • बीएसपीएचसीएल और एसईसीआई के बीच हुआ समझौता

Patna Green Energy News: बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए सरकार हर स्तर पर प्रयास कर रही है। पिछले दो साल से पटना में प्रदूषण का स्तर खतरनाक बना हुआ है। ऐसे में अब यहां सरकारी भवनों में हरित ऊर्जा की आपूर्ति की जाएगी। इन भवनों में 24 घंटे हरित ऊर्जा की आपूर्ति से प्रदूषण का स्तर घटेगा। दरअसल, सरकार ने जल-जीवन-हरियाली की परिकल्पना को साकार करने के लिए यह पहल की है। इसके लिए बिहार राज्य पावर होल्डिंग कॉरपोरेशन (बीएसपीएचसीएल) और भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई) में एक करार हुआ है। 

इसके तहत पहले चरण में एसईसीआई चिह्नित जगहों पर हर दिन 210 मेगावाट हरित ऊर्जा की आपूर्ति करेगा। यह समझौता शुक्रवार को बीएसपीएचसीएल के अध्यक्ष संजीव हंस, नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के प्रबंधन निदेशक प्रभाकर और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के प्रबंधन निदेशक महेंद्र कुमार की उपस्थिति में हुआ है।

पटना की इन जगहों पर होगी हरित ऊर्जा की आपूर्ति

इस बारे में बीएसपीएचसीएल के अध्यक्ष संजीव हंस ने बताया कि यह पहल जल-जीवन-हरियाली परियोजना के तहत की जा रही है। इसका उद्देश्य सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करना है। एमओयू के अनुसार पहले चरण में पटना, बोधगया और राजगीर के प्रमुख सरकारी भवनों में 24 घंटे हरित ऊर्जा की आपूर्ति करनी है। पटना में आपूर्ति के लिए चिह्नित जगहों में बिहार संग्रहालय, बिहार विधानसभा, पटना उच्च न्यायालय, विद्युत भवन शामिल हैं। बता दें इस तरह की पहल करने वाला देश भर में बिहार पहला राज्य है। 

हर साल 700 मिलियन पारंपरिक ऊर्जा का हरित ऊर्जा में होगा प्रतिस्थापन

अधिकारियों के मुताबिक इस एमओयू के अनुसार हर साल 700 मिलियन पारंपरिक ऊर्जा को हरित ऊर्जा में प्रतिस्थापित किया जाएगा। इससे प्रति वर्ष 630 मिलियन टन कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आ जाएगी। हरित ऊर्जा की औसत दर 4.03 रुपए प्रति किलोवाट होगी। 

सौर जेनरेशन से होगी दिन में ऊर्जा की आपूर्ति

भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई) के प्रबंध निदेशक सुमन शर्मा ने बताया कि इस योजना के तहत दिन में सौर जेनरेशन से ऊर्जा की आपूर्ति की जाएगी। जब सौर ऊर्जा उपलब्ध नहीं रहेगी, तो हरित ऊर्जा की आपूर्ति पंप स्टोरेज प्लांट से की जाएगी। 

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