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पटना के पोस्टर में दिखा लालू यादव बनाम नीतीश कुमार, 'हिसाब दो, हिसाब लो' से चढ़ेगा सियासी पारा

Updated Jan 02, 2020 | 12:01 IST

RJD, JD-U Poster in Patna : गुरुवार को राजधानी के इनकम टैक्स चौराहे पर एक पोस्टर सामने आया। इस पोस्टर में लालू यादव के 15 साल बनाम नीतीश कुमार के 15 वर्ष की तुलना की गई है। 

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तस्वीर साभार:&nbspANI
पटना में दिखा लालू यादव बनाम नीतीश कुमार के शासन का पोस्टर।
मुख्य बातें
  • पटना में राजद और जद-यू के बीच तेज हुआ पोस्टर वार
  • एक-दूसरे पर पोस्टर के जरिए निशाना साध चुके हैं दोनों दल
  • इस साल अक्टूबर में हो सकते हैं विधानसभा चुनाव

पटना : बिहार में विधानसभा चुनाव में इसी साल होने हैं और इस चुनाव को लेकर सियासी गर्माहट की आहट सुनाई देने लगी है। राज्य की मुख्य पार्टियों राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनता दल-युनाइटेड (जद-यु) के बीच पोस्टर वार शूरू हो गया है। गुरुवार को राजधानी के इनकम टैक्स चौराहे पर एक पोस्टर सामने आया। इस पोस्टर में लालू यादव के 15 साल बनाम नीतीश कुमार के 15 वर्ष की तुलना की गई है। पोस्टर में यह बताया गया है कि लालू यादव के शासन के मुकाबले पिछले 15 वर्षों में राज्य विकास के रास्ते पर अग्रसर हुआ है। पोस्टर पर लिखा है, 'हिसाब दो, हिसाब लो, 15 साल बनाम 15 साल।' साथ ही पोस्टर में एक तरफ लालू यादव-राबड़ी देवी की तस्वीर है तो दूसरी तरफ नीतीश कुमार की।

बिहार में इस बार मुख्य मुकाबला राजद और भाजपा-जद-यू गठबंधन के बीच होना है। पिछले कुछ समय में राजधानी में जद-यू और राजद ने एक-दूसरे पर निशाना साधते हुए पोस्टर जारी किए हैं। संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किए जाने पर राजद ने जद-यू पर निशाना साधा और सीएए पर नीतीश कुमार की चुप्पी पर सवाल उठाए। अपने पोस्टर में राजद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 'लापता' बताया। 

इस पोस्टर में लिखा गया, 'सीएबी और एनआरसी पर नीतीश कुमार चुप हैं। इस चेहरे को गौर से देखिए। ध्यान से देखिए इस चेहरे को कई दिनों से ना दिखाई दिया ना सुनाई दिया। नीतीश कुमार को ढूंढने वाले का बिहार सदा अभारी रहेगा।' एक दूसरे पोस्टर में लिखा गया है, 'गूंगे, बहरे और अंधे मुख्यमंत्री...लापता, लापता, लापता।' समझा जाता है कि आने वाले दिनों में दोनों पार्टियों के बीच पोस्टर वार और तेज होगा। 

बता दें कि बिहार में विधानसभा चुनाव 2015 में हुआ और राजद के सहयोग से नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री बने। साल 2017 में नीतीश कुमार राजद से अलग हो गए और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। चुनाव रणनीतिकारों का मानना है कि राज्य में सीटों के बंटवारे पर भाजपा और जद-यू के बीच संघर्ष देखने को मिल सकता है। 

जद-यू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर हाल ही में कह चुके हैं कि विधानसभा चुनाव में पार्टी को अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। यही नहीं किशोर नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी पर भी अपनी असहमति जाहिर कर चुके हैं।  

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