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Jale Seat Result: जाले सीट से हारे जिन्‍ना की फोटो लगाने वाले मशकूर अहमद उस्मानी, CAA-NRC का किया था विरोध

Updated Nov 10, 2020 | 16:54 IST

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष, मशकूर अहमद उस्मानी बिहार चुनाव में जाले सीट से कांग्रेस उम्‍मीदवार थे और उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा है।

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Maskoor Ahmad Usmani
मुख्य बातें
  • अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष हैं उस्‍मानी।
  • बिहार चुनाव में जाले सीट से कांग्रेस ने बनाया था उन्‍हें उम्‍मीदवार।
  • भारतीय जनता पार्टी के नेता जिबेश कुमार ने दी पटखनी।

Bihar Jale Seat Result: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष, मशकूर अहमद उस्मानी बिहार चुनाव में जाले सीट से कांग्रेस उम्‍मीदवार थे और उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा है। भारतीय जनता पार्टी के नेता जिबेश कुमार ने मशकूर अहमद उस्‍मानी को जबरदस्‍त पटखनी दी है। बिहार से चुनाव मैदान में उतरने वाले युवा नेता मशकूर अहमद उस्मानी का यूपी से गहरा नाता है। वह अक्‍सर विवादों में रहते हैं और कांग्रेस उनकी इसी विवादित छवि को भुनाना चाह रही थी लेकिन वह सफल नहीं हो पाई। 

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल समेत तमाम वरिष्ठ कांग्रेसियों ने मशकूर अहमद उस्मानी के पक्ष में वोट मांगे थे और जनसभा संबोधित की थी। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मशकूर के चुनाव मैदान पर उतरने पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस से जवाब मांगा था कि अगर कोई उम्मीदवार जिन्ना का समर्थन करता है तो क्या वे उसका समर्थन करेंगे। गिरिराज सिंह ने जिन्ना से सहानुभूति रखने वालों का समर्थन करने का कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया था। 

मशकूर उस्मानी पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के छात्रसंघ अध्यक्ष रहते हुए अपने कमरे में जिन्ना की तस्वीर लगाई थी। जिन्ना का महिमामंडन करने को लेकर काफी बवाल हुआ था। बिहार के दरभंगा के रहने वाले उस्मानी ने संविधान संशोधन अधिनियम 2019 और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन किया था। वे 2017 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए थे। 

2018 में भाजपा के अलीगढ़ से सांसद सतीश गौतम ने छात्रसंघ के कार्यालय से जिन्ना की तस्वीर हटाने की मांग की थी। साल 2019 में उस्मानी पर राष्ट्रविरोधी नारे लगाने के कारण राजद्रोह के आरोप के तहत मामला दर्ज किया गया था। 2020 में ट्विटर ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तरह कार्रवाई करते हुए उनका अकाउंट भी सस्‍पेंड कर दिया था। 

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