- नगर निगम के सभी 75 वार्डों में 100-100 लाइटें लगाई जाएंगी
- अगले महीने से लाइटों को लगाने का काम किया जाएगा शुरू
- पटना स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम से सीसीटीवी कैमरों की होगी मॉनिटरिंग
Patna News: पटना प्रशासन ने राजधानी में अपराधों पर लगाम लगाने का मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। इसी के तहत पटना शहर के चप्पे—चप्पे पर पुलिस तीसरी आंख यानी सीसीटीवी कैमरों से नजर रखेगी। इतना ही नहीं पुलिस को सटीक और साफ फुटेज मिल सके, इसके लिए पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था भी होगी। इसी कड़ी में नगर निगम के सभी वार्डों में अब 100-100 लाइटें लगाई जाएंगी। अगस्त महीने में लाइट लगाने का काम शुरू किया जाएगा।
इसमें विशेषतौर पर उन जगहों पर नजर है, जहां लूट की घटनाएं अधिक होती हैं। कुल 10 हजार लाइटें लगाई जानी हैं। इन लाइटों का लगाने की जिम्मेदारी ईईएसएल को दी गई है। इस काम पर करीब 4.5 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इन ब्लैक स्पॉट पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। इस बारे में निगम के अधिकारी का कहना है कि पटना स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम से सभी 500 कैमरों की मॉनिटरिंग की जाएगी।
शिकायत मिलने के बाद पांच घंटे में ठीक होगी खराब लाइट
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि कार्यकारी एजेंसी ईईएसएल द्वारा अगस्त में सभी लाइट इंस्टॉल कर दी जाएंगी। जिस पोल पर लाइट लगाई जाएगी, उसकी सात साल तक देखरेख की जिम्मेदारी भी एजेंसी की होगी। अधिकारी का कहना है कि लाइट खराब होने की शिकायत पर पांच घंटे के अंदर उसे ठीक कर दिया जाएगा। अगर, एजेंसी लाइट ठीक करने के काम में लापरवाही करती है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
350 करोड़ की लाइट पहले ही लगाई गई
पिछले पांच साल में नगर निगम ने करीब 80 हजार लाइटें शहरभर में लगवाई हैं। इन लाइटों को वार्ड पार्षद की मांग पर लगवाया गया है। अब तक 350 करोड़ रुपए की लाइट लगवाई जा चुकी हैं। अब अगले माह से 10 हजार और लाइटें लगवाई जाएंगी। दरअसल, शहर में महिलाओं से चेन स्नेचिंग की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। अंधेरे वाले क्षेत्र में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। अंधेरे का फायदा उठाकर ये असामाजिक तत्व अपने मंसूबों को अंजाम देते हैं। ब्लैक स्पॉट पर पुलिस-प्रशासन के लिए बदमाशों की पहचान करना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अमृत योजना के तहत वूमन सेफ्टी के लिए डार्क स्पॉट चिह्नित कर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। साथ ही लाइटें भी लगाई जाएंगी। नगर विकास विभाग ने नगर निगम से शहर के डार्क स्पॉट्स की जानकारी मांगी है।