- कोतवाली पुलिस ने संतोष कुमार घोड़ापारण और अजय द्विवेदी को किया है गिरफ्तार
- संतोष जमुई जिले के लक्ष्मीपुर और अजय वैशाली का है रहने वाला
- दोनों पटना के पत्रकार नगर में किराए के मकान में रहते थे
Patna Crime: पटना में चोरी का ट्रेंड बदल रहा है या फिर कहें कि हाल के वर्षों में चोरी का ट्रेंड पूरी तरह बदल चुका है। अब कम उम्र के बच्चों के माध्यम से चोरी कराई जा रही है। वह भी प्रमुख धार्मिक स्थल पर। पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर में बच्चों से यहां आने वाले श्रद्धालुओं के बच्चों के गले से हनुमान जी का लॉकेट और सोने का लॉकेट कटवाते थे। इस काम के लिए उन बच्चों को कमीशन दिया जाता था। एक लॉकेट काटने पर बच्चे को 500 रुपए और खाना खिलाया जाता था।
कोतवाली पुलिस ने मामले में गिरोह के सरगना को गिरफ्तार कर लिया है। जमुई जिले के लक्ष्मीपुर प्रखंड अंतर्गत घोड़ापारण निवासी संतोष कुमार और वैशाली जिले के बिद्दुपर निवासी अजय द्विवेदी को गिरफ्तार किया गया है। यह दोनों पटना के पत्रकार नगर में किराए पर रूम लेकर रहते थे। इनके गिरोह में छोटे-छोटे 10 बच्चे हैं।
झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को गिरोह में किया शामिल
अजय और संतोष ने चोरी के लिए नाबालिग बच्चों का गिरोह बनाया। इस गिरोह में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले बच्चों को शामिल किया। कुछ खानाबदोश बच्चों को भी रखा। इन्हें लॉकेट लोगों के गले से काटने की ट्रेनिंग दी। यह खुलासा खुद गिरफ्तार आरोपियों ने किया है। इन दोनों ने पुलिस को बताया है कि पांच महीने से महावीर मंदिर के पास उनका यह गिरोह सक्रिय था। इतनी अवधि में गिरोह द्वारा तीन दर्जन से अधिक हनुमानी लॉकेट काटे गए हैं।
चोरी के लॉकेट खरीदने वाले सुनारों की भी होगी गिरफ्तारी
इस बारे में कोतवारी थाना प्रभारी का कहना है कि गिरोह के सदस्य जिन सुनारों को चोरी के लॉकेट बेचा करते थे, उनकी तलाश की जा रही है। सभी सोनार जमुई, वैशाली के रहने वाले हैं। कुछ सोनार पटना के भी हैं। बहुत जल्द इन सोनारों की भी गिरफ्तारी कर ली जाएगी। पुलिस ने अपील की है कि शहर के किसी भी धार्मिक स्थल या सार्वजनिक स्थल पर जाएं तो अपने बच्चे और वहां घूम रहे बच्चों पर नजर रखें। किसी भी बच्चे पर विश्वास नहीं करें। अगर, किसी की संदिग्ध हरकत लगती है तो तुरंत पुलिस को सूचना दें। ताकि पुलिस उस बच्चे से जुड़ी पूरी जानकारी हासिल कर सके। इसके अलावा पुलिस ने कहा कि अपने घर के आसपास भी कोई बच्चा किसी गलत संगती में दिख रहा है तो उसकी जानकारी पुलिस को दें या चाइल्ड लाइन नंबर पर कॉल करें।