पटना: पढ़ाई के लिए कोई उम्र नहीं होती। इस कहावत को चरितार्थ करने वाले पटना के राजकुमार वैश्य (Rajkumar Vaish) अब नहीं रहे। मंगलवार को 101 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया। वैश्य 98 वर्ष की उम्र में अर्थशास्त्र विषय से स्नातकोत्तर (MA) की परीक्षा दी थी और उत्तीर्ण हुए थे। उनके निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शोक प्रकट करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के 2017 के दीक्षांत समारोह में बुजुर्ग वैश्य को स्नातकोत्तर की डिग्री प्रदान की गई थी।पटना के राजेंद्र नगर के रोड नंबर पांच में रहने वाले राजकुमार वैश्य ने 2017 में एमए अर्थशास्त्र की परीक्षा द्वितीय श्रेणी से पास की थी।वैश्य ने डिग्री लेने के बाद कहा था, 'किसी भी इच्छा को पूरा करने में उम्र कभी आड़े नहीं आती। मैंने अपना सपना पूरा कर लिया है। अब मैं पोस्ट ग्रैजुएट हूं। मैंने दो साल पहले यह तय किया था कि इस उम्र में भी कोई अपना सपना पूरा कर सकता है।'
नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से 98 वर्ष की आयु में अर्थशास्त्र से किया था MA
वैश्य के निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश ने भी शोक प्रकट किया है। उन्होंने नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से 98 वर्ष की आयु में अर्थशास्त्र से एमए करने वाले 101 वर्षीय राजकुमार वैश्य के निधन पर गहरी शोक-संवेदना व्यक्त की है।अपने शोक-संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा, 'दिवंगत राजकुमार वैश्य जी ने 98 वर्ष की आयु में नालंदा खुला विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए किया, जिसके लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। मैंने उनके घर जाकर उन्हें बधाई दी थी और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया था।'
उन्होंने कहा, 'उनके पुत्र डॉ़ संतोष कुमार बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पटना में मेरे प्रोफेसर थे। वैश्य जी मेरे लिए पितातुल्य थे। मैं उन्हें नमन करते हुए उनके प्रति अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त करता हूं।' मुख्यमंत्री ने वैश्य के पुत्र बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पटना जो अब एनआईटी, पटना है के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ़ संतोष कुमार से फोन पर बात कर सांत्वना दी। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिरशांति तथा उनके परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति देने की ईश्वर से प्रार्थना की है।