- रविवार तड़के पूर्णिया में दलित नेता की गोली मारकर हत्या की गई
- दलित नेता के घर आए तीन नकाबपोश बदमाशों ने गोली मारी
- हत्या मामले में तेजस्वी, तेज प्रताप यादव सहित छह लोगों पर केस दर्ज
पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं तेजस्वी एवं तेज प्रताप यादव की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। राजद के एक पूर्व दलित नेता शक्ति मलिक की हत्या मामले में तेजस्वी, तेजप्रताप सहित कुछ 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। बता दें कि रविवार को 37 वर्षीय मलिक की हत्या पूर्णिया जिले में उनके घर के बाहर कर दी गई। मलिक की पत्नी ने इसे एक राजनीतिक हत्या बताया है।
छह लोगों पर दर्ज हुई प्राथमिकी
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक एफआईआर में राजद की दलित इकाई के प्रमुख अनिल कुमार साधू, अररिया के पार्टी नेता कालो पासवान, सुनीता देवी के अलावा एक और व्यक्ति को नामजद किया गया है। बताया जाता है कि राजद से निकाले जाने के बाद शक्ति मलिक ने इस बार चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़ा होने का फैसला किया था। अपने एक वीडियो में मलिक ने दावा किया था कि रानीगंज सीट से टिकट देने के लिए तेजस्वी यादव ने उनसे 50 लाख रुपए के अनुदान की मांग की थी।
तीन नकाबोश बदमाशों ने मारी गाली
रिपोर्ट के मुताबिक रविवार तड़के करीब तीन बजे तीन नकाबपोश लोग मलिक के घर में जबरन घुसे और उन्हें गोली मार दी। इस दौरान घर पर मलिक की पत्नी, उनके बच्चे और ड्राइवर मौजूद थे। गोली लगने के बाद मलिका को सदर अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। केहल पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारी सुनील कुमार मंडल ने बताया कि घटनास्थल से एक देसी पिस्टर और खाली कारतूस बरामद हुए हैं। पुलिस अधीक्षक विशाल शर्मा एवं सदर सब डिविजनल पुलिस अधिकारी आनंद पांडे ने भी घटनास्थल का दौरा किया। बदमाशों की तलाश के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।
पुलिस जांच में जुटी
पूर्णिया के एसपी विशाल शर्मा ने कहा, 'हम प्रत्येक एंगल से घटना की जांच कर रहे हैं। मलिक को तीन गोली मारी गई। पुलिस ने घटनास्थल से एक लोडेड गन भी बरामद किया है।' वहीं, इस घटना के बाद जद-यू ने राजद को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है। जद-यू का कहना है कि चुनाव से पहले तेजस्वी यादव की असलियत सबके सामने आ गई है।