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सिलेबस से जेपी का नाम हटाए जाने पर तेजस्वी का नीतीश पर तंज, शिक्षा मंत्री को देनी पड़ी सफाई

उत्कर्ष सिंह | DEPUTY NEWS EDITOR
Updated Sep 03, 2021 | 11:52 IST

Bihar News : पाठ्यक्रम से लोहिया, जेपी का नाम हटाए जाने पर उठे विवाद पर बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने सफाई दी है। चौधीर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विवि शिक्षा विभाग के अधीन नहीं होती होता है।

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मुख्य बातें
  • छपरा के जयप्रकाश विवि के सिलेबस से हटा है जयप्रकाश नारायण का नाम
  • राजद नेता तेजस्वी का तंज, कहा-हम शुरू से कहते आ रहे हैं नीतीश संघी हैं
  • सिलेबस विवाद पर शिक्षा मंत्री को देनी पड़ा सफाई, कहा-हम यह संशोधन नहीं मानते

पटना : बिहार के छपरा के जयप्रकाश विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र के पाठ्यक्रम में हुए बदलाव को लेकर तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब पूरी तरह से आरएसएस के (संघी) हो चुके हैं, अब इसे प्रमाण की भी जरूरत नहीं हैं। हम लोग यह शुरू से कहते आ रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा जिस जेपी आंदोलन से नीतीश ने अपनी राजनीति की शुरुआत की आज जयप्रकाश विश्वविद्यालय से उन्हीं के नाम को सिलेबस से गायब कर दिया गया है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।

'RSS के लोग तालिबानियों से बात करते हैं'
वहीं, प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह द्वारा आरएसएस को तालिबानी बताए जाने पर तेजस्वी ने कहा कि उन्होंने ठीक ही कहा है क्योंकि आरएसएस के लोग तालिबानियों से बात करते हैं क्योंकि जिस राज्य में बीजेपी की सरकार है वहां तालिबानी हुकूमत चलती है और जहां नहीं है वहां संघ की हुकूमत चलती है।

शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने दी सफाई
पाठ्यक्रम से लोहिया और जेपी का नाम हटाए जाने पर उठे विवाद पर बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने सफाई दी है। चौधीर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा विभाग के अधीन नहीं होती है। विश्वविद्यालय का नियंत्रण राज्यपाल के अधीन होता है, मगर राज्य सरकार विश्वविद्यालय के खर्च को देखती है। बिहार के शिक्षा विभाग को इस पाठ्यक्रम में बदलाव की जानकारी नहीं थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी समाचार के माध्यम से इसकी जानकारी प्राप्त की थी, जिसके बाद शिक्षा विभाग के अपर सचिव ने इस पूरे मामले की जानकारी जेपी विश्वविद्यालय के वीसी से मांगा। 

चौधरी ने कहा कि सिलेबस में संशोधन सही नहीं
शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि इस बारे में वीसी के द्वारा जो जवाब दिया गया वह संतोषजनक नहीं था। यह 2018 का मामला है। पाठ्यक्रम में संशोधन करने के लिए कमेटी का गठन किया गया था। हम इस पाठ्यक्रम संशोधन को सही नहीं मानते हैं। बिहार राज उच्चतर शिक्षा परिषद से इस विषय पर सहमति नहीं ली गई। राम मनोहर लोहिया एवं जयप्रकाश नारायण के विचार के बगैर समाजवाद के पाठ्यक्रम का कोई महत्व नहीं है। 

पाठ्यक्रम में हुए बदलाव की जांच का निर्देश
शिक्षा मंत्री ने कहा, 'इन महापुरुषों के विचार को अलग कर दिया जाए तो उस समाजवाद की पढ़ाई का कोई अहमियत नहीं। शिक्षा मंत्री ने राज्य में किसी विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में हुए बदलाव की जांच करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा, 'सरकार इस तरह की गलतियों को सुधारने के लिए पूर्ण रूप से सजग है। जेपी और लोहिया के विचारों की पढ़ाई फिर से पाठ्यक्रम में होगी। इस पूरे मामले पर अभी तक जांच पूरी नहीं हुई। पाठ्यक्रम में जो बदलाव किया गया है उसकी जांच चल रही है। इस मामले की क्या कुछ सच्चाई है, वह पूरी जांच के बाद पता चलेगा।

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