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'डेटिंग साइट पर सक्रियता नैतिकता का पैमाना नहीं', 4 दिनों में शारीरिक संबंध की दलील पर कोर्ट की टिप्पणी  

Activities of victim on dating site can’t be basis of judging virtue: Allahabad HC
Updated Nov 03, 2021 | 09:43 IST

Allahabad High Court News : रेप के एक आरोपी ने दलील दी है कि डेटिंग साइट के जरिए संपर्क में आने के चार दिनों के भीतर ही उसके लड़की के साथ शारीरिक संबंध बने। इसलिए पीड़िता की नैतिकता संदिग्ध है।

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Activities of victim on dating site can’t be basis of judging virtue: Allahabad HCActivities of victim on dating site can’t be basis of judging virtue: Allahabad HC
तस्वीर साभार:&nbspPTI
रेप के आरोपी को कोर्ट ने नहीं दी अग्रिम जमानत।
मुख्य बातें
  • डेटिंग साइट के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में आए थे आरोपी और पीड़िता
  • आरोपी की दलील है कि संपर्क में आने के चार दिनों के भीतर बन गए शारीरिक संबंध
  • कोर्ट ने कहा कि डेटिंग साइट पर सक्रियता से किसी की नैतिकता का आंकलन नहीं किया जा सकता

प्रयागराज : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि किसी डेटिंग साइट पर एक्टिव होने भर से किसी के चरित्र का आंकलन नहीं किया जा सकता। रेप के आरोपी ने अपनी अग्रिम जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। आरोपी ने दलील दी थी कि डेटिंग साइट के जरिए संपर्क में आने के चौथे दिन ही लड़की उससे मिलने पहुंच गई, ऐसे में उसकी नैतिकता संदेहास्पद है और इसे सहमति का शारीरिक संबंध माना जाना चाहिए। 

कोर्ट ने आरोपी को अग्रिम जमानत देने से इंकार किया

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने आरोपी की इस दलील को खारिज करते हुए उसे अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया। पीड़ित लड़की का आरोप है कि डेटिंग साइट के जरिए संपर्क में आने के बाद आरोपी ने उससे शादी का झूठा वादा किया फिर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। 

डेटिंग साइट पर हुई थी पीड़ित-आरोपी की मुलाकात

इस मामले में पीड़ित लड़की और आरोपी की मुलाकात एक डेटिंग साइट पर हुई थी। संपर्क में आने के बाद आरोपी ने कथित रूप से लड़की से शादी से झूठा वादा किया और फिर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। फिर इसके बाद अपने वादे से मुकर गया। शादी न करने पर लड़की ने आरोपी के खिलाफ रेप का केस दर्ज कराया। 

सहमति के बाद शारीरिक संबंध बने-आरोपी

आरोपी के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि आरोपी और लड़की एक डेटिंग साइट पर मिले। अपनी मुलाकात के चार दिनों के भीतर उन्होंने शारीरिक संबंध बनाए। इससे जाहिर होता है पीड़ित लड़की की सहमति के बाद दोनों के बीच शारीरिक संबंध बने। आरोपी के वकील की इस दलील को खारिज करते हुए कोर्ट ने 14 सितंबर के पने फैसले में कहा कि डेटिंग साइट पर सक्रियता के आधार पर किसी की नैतिकता का आंकलन नहीं किया जा सकता। अदालत ने कहा कि आरोपी कोर्ट में समर्पण कर कार्यवाही में सहयोग करने के लिए स्वतंत्र है। वह संबंधित कोर्ट में अपनी जमानत याचिका दाखिल कर सकता है। 

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