Allahabad HC : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि बच्चा गोद लेने के लिए शादी का प्रमाणपत्र होना जरूरी शर्त नहीं है। कोर्ट ने 'हिंदू एडाप्टेशन एवं मेंटिनेंस एक्ट, 1956' का हवाला देते हुए कहा कि यहां तक कि एकल अभिभावक भी बच्चा गोद ले सकता है। अदालत ने यह टिप्पणी गत नौ फरवरी को ट्रांसजेंडर रीना किन्नर एवं उनके साथी की याचिका पर सुनवाई करते हुए की।
याचिकाकर्ता बच्चा गोद लेना चाहते हैं
अर्जी में कहा गया है कि रीना का जन्म 1983 में हुआ और उनकी शादी 16 दिसंबर 2000 को वाराणसी के अदरौली बाजार स्थित महाबीर मंदिर में हुई। याचिकाकर्ता बच्चा गोद लेना चाहते हैं लेकिन उनसे मैरिज सर्टिफिकेट दिखाने के लिए कहा गया जो कि उनके पास नहीं है।