प्रयागराज/वाराणसी: केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में घोषित किए गए बजट में लाइट मेट्रो के लिए प्रावधान किए जाने से उत्तर प्रदेश के तीन शहरों गोरखपुर, प्रयागराज और वाराणसी में भी लाइट मेट्रो चलने की राह आसान हो गई है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सात शहरों लखनऊ, आगरा, कानपुर, मेरठ, गोरखपुर, वाराणसी और प्रयागराज में मेट्रो रेल चलाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया था। लखनऊ में मौजूदा समय मेट्रो रेल चल रही है। कानपुर और आगरा में मेट्रो रेल परियोजना का काम शुरू हो गया है। मेरठ में रैपिड रेल परियोजना शुरू हो चुकी है।
वहीं गोरखपुर, वाराणसी और प्रयागराज में आबादी कम होने की वजह से मेट्रो रेल परियोजना यहां शुरू करने में समस्या आ रही है। ऐसे में जब केंद्रीय बजट में लाइट मेट्रो के लिए प्रावधान किए गए हैं तो इन तीन शहरों में मेट्रो की राह आसान होती नजर आ रही है। मेट्रो लाइट में तीन कोच का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें करीब 300 लोग सफर कर सकते हैं। कम आबादी वाले शहरों के लिए यह मेट्रो शानदार विकल्प रहती है।
क्या है लाइट मेट्रो
मेट्रो रेल परियोजना से लाइट मेट्रो की निर्माण लागत कम आती है। मेट्रो रेल निर्माण पर 200 से 215 करोड़ रुपये प्रति किमी लागत आती है, जबकि लाइट मेट्रो के निर्माण की लागत 120 से 125 करोड़ रुपये आती है। इसकी पटरियां कम चौड़ी होती हैं और इसमें डिब्बे कम होते हैं। स्टेशन और प्लेटफार्म भी छोटे होते हैं। इस योजना के आने के बाद यूपी के छोटे शहरों में बेहतर यातायात की सुविधा देने के लिए लाइट मेट्रो काफी कारगर साबित होगा।
इस मेट्रो का कॉरिडोर सड़क के समानांतर जमीन पर होता है और स्टेशन बस स्टैंड की तरह होता है। आने वाले समय में दिल्ली के अलावा, चेन्नई, गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज और झांसी समेत यूपी के कई शहरों में लाइट मेट्रो दौड़ती नजर आएगी।