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Maharashtra Bord Exam: पुणे में बाप-बेटे ने साथ में दी 10वीं की बोर्ड परीक्षा, रिजल्ट आने पर हुआ ये

Updated Jun 19, 2022 | 20:12 IST

Maharashtra Bord Exam: पुणे में दसवीं की परीक्षा में बाप पास हो गया बेटा फेल हो गया। तीस साल बाद पिता ने बेटे के साथ महाराष्ट्र बोर्ड की परीक्षा दी थी। पिता की उम्र 43 साल है। परिवार चलाने के लिए पिता ने अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
पुणे में 10वीं की परीक्षा में पिता पास, बेटा हुआ फेल (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
  • 43 वर्षीय पिता ने बेटे के साथ दी थी 10वीं की परीक्षा
  • 30 वर्ष के अंतराल पर बेटे के साथ दी परीक्षा
  • सातवीं कक्षा के बाद पिता ने छोड़ दी थी परीक्षा

Maharashtra Bord Exam: पुणे में रहने वाले 43 वर्षीय व्यक्ति और उसके बेटे ने इस साल महाराष्ट्र बोर्ड की 10वीं कक्षा की परीक्षा साथ में दी थी, जिसमें पिता तो पास हो गया, लेकिन बेटा पास नहीं हो सका। महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से आयोजित 10वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षा के परिणाम घोषित किए गए हैं। पुणे के इन बाप-बेटे की साथ परीक्षा देने की चर्चा हर तरफ थी। सभी को परीक्षा के परिणाम का इंताजार था।

जानकारी के लिए बता दें, परिवार चलाने के लिए नौकरी करने की मजबूरी के चलते पिता भास्कर वाघमरे ने सातवीं कक्षा में ही पढ़ाई छोड़ दी थी और वह फिर से पढ़ाई शुरू करने को लेकर काफी खुश और उत्साहित थे। बड़ी रुची के साथ उन्होंने आगे की पढ़ाई शुरू की थी। 30 वर्ष के अंतराल के बाद इस साल उन्होंने अपने बेटे के साथ दसवीं की परीक्षा दी और पास भी हो गए, पर बेटा सफल न हो सका।

पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते छोड़ दी थी पढ़ाई

मिली जानकारी के अनुसार, पुणे शहर के बाबासाहेब आंबेडकर इलाके में रहने वाले वाघमरे निजी क्षेत्र में नौकरी करते हैं। उन्होंने कहा कि, ‘मैं हमेशा से और पढ़ना चाहता था, लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के बोझ तले पहले ऐसा नहीं कर सका।’ वाघमरे ने आगे कहा कि, ‘कुछ समय से मैं दोबारा पढ़ाई शुरू करने और कोई कोर्स करने के लिए उत्सुक रहता था, जिससे मुझे अधिक कमाई करने में मदद मिल सके। इसलिए मैंने कक्षा 10वीं  की परीक्षा में बैठने का फैसला किया था। मेरा बेटा भी साथ में इस साल परीक्षा दे रहा था और इससे मुझे काफी मदद मिली।’

अब फेल हुए बेटे की पढ़ाई में मदद करेंगे पिता

वाघमरे ने कहा कि, वह हर दिन पढ़ाई करते थे और काम के बाद परीक्षा की तैयारियों में लग जाते थे। हालांकि, अब वह परीक्षा पास करके बहुत खुश हैं, लेकिन उन्हें इस बात का बेहद दुख है कि, उनका बेटा दो विषयों में फेल हो गया। वाघमरे ने बताया कि, ‘मैं (कुछ विषयों में अनुत्तीर्ण छात्रों के लिए आयोजित) पूरक परीक्षा में अपने बेटे की हेल्प करूंगा। मुझे इस बात का भरोसा है कि, वह इन परीक्षाओं में जरूर पास हो जाएगा।’