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Bus Accident In Pune: पुणे के सिंहगढ़ किले से लौट रही बस फिसली, खाई में गिरने से बाल-बाल बचे 40 सवार

Updated May 14, 2022 | 20:37 IST

Bus Accident In Pune: पुणे में एक छोटी सी दीवार ने 40 लोगों की जान बचा ली। पुणे के सिंहगढ़ किले से उतरती हुई ये बस सीधे गहरी खाई की ओर फिसल गई। गनीमत रही कि रास्ते में दीवार बनी थी जिससे बस रुक गई। बीते आठ दिनों में यहां तीन बस हादसे हो चुके हैं।

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पुणे में खाई में गिरने से बाल-बाल बची बस (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
  • छोटी सी दीवार ने बचा ली जान
  • सिंहगढ़ किले तक निजी वाहनों के जाने पर है प्रतिबंध
  • 1 मई से ही शुरू की गई है ई—बस सेवा

Bus Accident In Pune: कहते हैं जाको राखे साइयां मार सके न कोए, ये बात एक बार फिर से सही साबित हो गई है पुणे में। पुणे में शुक्रवार दोपहर को एक बड़ा हादसा टल गया। सिंहगढ़ किले से लौट रही पुणे परिवहन बोर्ड की ई—बस गहरी खाई में गिरने से बाल—बाल बच गई। हादसे के समय बस में करीब चालीस यात्री सवार थे। हैरानी की बात तो ये है कि यात्रियों की जान एक छोटी सी दीवार ने बचाई। 

जानकारी के अनुसार बस सिंहगढ़ किले से नीचे उतर रही थी। यह किला काफी ऊंचाई पर बना है। शुक्रवार दोपहर बस नीचे उतरने के दौरान फिसलकर खाई की ओर बढ़ गई। वहां बनी छोटी सी दीवार के कारण बस अटक गई। गनीमत रही कि यह दीवार इतनी मजबूत थी कि बस के वजन से टूटी नहीं, नहीं तो बड़ा हादसा हो जाता। बस के दीवार से रुकने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली। आपको बता दें कि इस किले पर निजी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध है। ऐसे में सरकारी बस ही यहां जाने का एकमात्र साधन है। 

बीते आठ दिन में तीसरी घटना

आपको बता दें कि बस हादसे की यह कोई पहली घटना नहीं है। बीते आठ दिन में ऐसी तीन घटनाएं हो चुकी हैं। लोगों की मांग है कि किले तक जाने की कोई उचित व्यवस्था की जाए। पुणे महानगर परिवहन निगम और वन विभाग की ओर से मेरा सिंहगढ़, मेरा मिशन अभियान के तहत किले के लिए यह ई—बस सेवा इसी साल 1 मई से शुरू की गई है। गर्मी की छुट्टियों और पर्यटकों की संख्या को देखते हुए, यहां वीकेंड पर 24 बसों का संचालन किया जाता है। 

यह था ई—बस सेवा शुरू करने का उद्देश्य 

पुणे और पिंपरी—चिंचवाड क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से पुणे महानगर परिवहन निगम और वन विभाग ने संयुक्त रूप से किले तक ई—बस चलाने का फैसला किया था। दोनों ही विभागों को उम्मीद थी कि इससे प्रदूषण पर लगाम लगेगी, हालांकि लगातार हो रहे हादसों ने अब इन बसों के संचालन पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं।