- पुणे आलंदी रोड पर है डीआरडीओ का रिसर्च सेंटर
- कार्यालय के सुरक्षाकर्मी ने देखा था तेंदुआ को, बनाया वीडियो
- वन विभाग का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, किसी तरह की जनहानि की सूचना नहीं
Pune News: पुणे की वन विभाग की टीम एक तेंदुए को बचाने के लिए रेस्क्यू अभियान चला रही है। जिसे रक्षा एवं अनुसंधान विकास संगठन के परिसर में देखा गया था। तेंदुआ पुणे-आलंदी रोड पर स्थित डीआरडीओ लैब के परिसर में देखा गया था। डीआरडीओ की रिसर्च लैब के बड़े परिसर में तेंदुआ घूमता नजर आया था। बता दें कि रिसर्च लैब के पीछे परिसर में कुत्तों के एक झुंड के लगातार भौंकने से परिसर में तैनात सुरक्षा गार्ड सतर्क हो गए थे। उनमें से एक ने तेंदुए को देखने के लिए एक वॉचटावर से परिसर का निरीक्षण किया। गार्ड ने तेंदुए की हरकत को फोन के कैमरे में कैद कर लिया ।
इसके बाद उसे लैब के सुरक्षा प्रभारी को भेज दिया। तब वन विभाग के अधिकारियों को तेंदुए के देखे जाने की सूचना दी गई और रेस्क्यू अभियान शुरू किया गया। रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर मुकेश सनस ने बताया कि तेंदुए का पता लगाने के लिए कम से कम 20 ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। हालांकि वन विभाग की टीम ने अभी तक जानवर को देखा नहीं है। सनस ने कहा, "हमें परिसर में जानवर के पैरों के निशान मिले हैं। हमारी टीम तब तक बचाव अभियान जारी रखेगी जब तक हम जानवर का पता नहीं लगा लेते।" बता दें कि रिसर्च सेंटर के पीछे चरोली और अन्य गांवों का वन क्षेत्र है।
परिसर के आसपास के परिवारों को नहीं है खतरा
वन अधिकारियों ने कहा कि तेंदुआ इस मार्ग से डीआरडीओ परिसर में गया होगा। वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वे जानवर को खोजने के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। आरएंडडीई(रिसर्च लैब) के निदेशक पीएम कुरुलकर ने बताया है कि एहतियाती उपाय के रूप में हमने अपने कर्मचारियों को आज परिसर में अपने कार्यालयों में नहीं जाने के लिए कहा है। हमने अपनी जरूरी गतिविधियों को जारी रखने के लिए अपने गेस्ट हाउस में बैठकें कीं। तेंदुए के रेस्क्यू के लिए वन विभाग की एक टीम के 15 वन अधिकारी परिसर में मौजूद हैं। वे आज पूरी रात हमारे साथ रहेंगे। हमने उन्हें अपना ड्रोन भी दिया है जो तेंदुए को पकड़ने के लिए एक थर्मल कैमरा से लैस है। कुरुलकर ने कहा, हमें लगता है कि जानवर कुत्तों की तलाश में आया होगा। परिसर में घुसने के बाद, जानवर ने परिसर की दीवार पर कूदने का प्रयास किया था लेकिन असफल रहा। कुरुलकर ने कहा कि प्रयोगशाला के आवासीय क्वार्टर तकनीकी क्षेत्रों से अलग हैं और इसलिए परिसर के आसपास रहने वाले परिवारों के लिए कोई खतरा नहीं है।